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Gold Price : विदेश से क्यों होती है सोने की तस्करी? कितना सोना ला सकते हैं भारतीय? जानिए क्या हैं नियम

भारतीय मीडिया में अक्सर खाड़ी देशों से खासकर दुबई से छुपाकर सोना लाने की खबरें सुनाई देती हैं. फिलहाल कन्नड़ और तमिल फ़िल्मों की अभिनेत्री रान्या राव को राजस्व ख़ुफ़िया विभाग ने मंगलवार को दुबई से लौटते समय 14.8 किलोग्राम सोने के साथ गिरफ्तार किया हैं. इस सोने की क़ीमत (Gold Price) लगभग 12 करोड़ रुपये बताई जा रही है. रान्या राव बेंगलुरु के केम्पेगौड़ा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर सोने के साथ पहुंची थीं.

क्यों बढ़ जाती है भारत में सोने की कीमत

सोने की कम क़ीमत (Gold Price) सभी को आ​कर्षित करती है. विदेशों में भारत की तुलना में सोने के भाव और कम होते है. और सोने के कम भाव होने के वजह से ही विदेश से सोने की तस्करी बढ़ जाती हैं

संयुक्त अरब अमीरात में 5 मार्च 2025 को 24 कैरेट गोल्ड के 10 ग्राम की कीमत 83,670 रुपए थी. वहीं भारत में 87,980 रुपए थे. विदेश से आने के बाद एयरपोर्ट पर तय सीमा से अधिक सोना लाने की जानकारी देनी होती है, अगर कोई इसे छुपाता है, तो यह तस्करी माना जाता है.

भारत में सोने की वास्तविक क़ीमत (Gold Price) पर टैक्स लिया जाता है. इसी कारण भारत में सोने की क़ीमत (Gold Price) बहुत अधिक हो जाती है. यही वजह है कि अक्सर खाड़ी देशों में जाने वाले पर्यटक यहां से सोना खरीद कर लाते हैं. यहां सोने पर टैक्स नहीं लिया जाता है.


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विदेश से कितना सोना ला सकते हैं?

विदेश से कोई भी पुरुष 20 ग्राम और कोई भी महिला 40 ग्राम सोना ला सकती है. यह सीमा शुल्क से मुक्त है. केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) ने सभी के लिए सोना लाने पर शुल्क निर्धारित कर रखा है.

अब सवाल ये है कि शुल्क देकर आप कितनी भी मात्रा में सोना ला सकते हैं? तो आपको बता दें कि पुरुष 20 ग्राम तक और महिलाएं 40 ग्राम तक सोना बिना किसी शुल्क के ला सकती हैं, जिसकी कीमत क्रमशः पुरुषों के लिए 50,000 रुपये और महिलाओ के लिए 1 लाख रुपये से अधिक नहीं होनी चाहिए.


पुरुषों के लिए शुल्क देकर सोना लाने के नियम

  1. शुल्क मुक्त: 20 ग्राम तक (या 50,000 रुपये तक)
  2. 20 से 50 ग्राम: 3% शुल्क
  3. 50 से 100 ग्राम: 6% शुल्क
  4. 100 ग्राम से अधिक: 10% शुल्क

महिलाओं के लिए शुल्क देकर सोना लाने के नियम

  1. शुल्क मुक्त: 40 ग्राम तक (या 1 लाख रुपये तक)
  2. 40 से 100 ग्राम तक : 3% शुल्क
  3. 100 से 200 ग्राम तक: 6% शुल्क
  4. 200 ग्राम से अधिक तक: 10% शुल्क, ध्यान दें: ये सीमाएं एक यात्री के लिए हैं, जो एक वर्ष से अधिक समय से विदेश में रह रहा है.

वही 15 साल से कम उम्र के बच्चों को भी 40 ग्राम सोना लाने की छूट मिलती है. इसके ​लिए रिलेशनशिप प्रमाणित करना होगा. पासपोर्ट अधिनियम 1967 के अनुसार भारतीय नागरिक (आभूषण, सिल्ली और सिक्का) सभी प्रकार का सोना ला सकते हैं.

भारत में क्यों होती है सोने की तस्करी?

खाड़ी देशों से सोने की तस्करी का सबसे बड़ा कारण इसकी कम क़ीमत (Gold Price)  है. यहां सरकार सोने पर टैक्स नहीं लेती है. इसके कारण इसकी क़ीमत कम हो जाती है. वहीं भारत की अगर बात करें तो यहां सोने पर टैक्स बहुत ज़्यादा है. इसके कारण सोने की क़ीमत वास्तविक क़ीमत से काफी ज़्यादा हो जाती है.

सस्ते सोने को खरीदकर भारत में बेचने की ललक के कारण तस्करी का रास्ता खुलता है. यह जुर्म की दुनिया में पुराना विषय रहा है. अंडरवर्ल्ड सरगना हाजी मस्तान और दाऊद इब्राहिम समुद्री रास्ते सोने की तस्करी करते थे, वहीं अब तस्करी के नए तरीके आए दिन सामने आ रहे हैं.

कहां से आता है सबसे ज्यादा तस्करी का सोना?

देश में सबसे ज़्यादा सोना संयुक्त अरब अमीरात से आता है. इसके बाद म्यांमार दूसरे नंबर पर है. इसके अलावा कुछ अफ्रीकी देशों से भी तस्कर सोना लाते हैं. डीआरआई अधिकारियों की मानें तो तस्करी का 10 फीसदी ही सोना पकड़ में आता है. सीबीआईसी ने 2023-24 में करीब 4,869.6 किलोग्राम सोना पकड़ा था.

महाराष्ट्र, केरल और तमिलनाडु सोने की तस्करी के मामले में सबसे आगे हैं. करीब 60 फीसदी तस्करी के केस यहीं दर्ज होते हैं. सोने की तस्करी को लेकर सीबीआईसी के चेयरमैन संजय कुमार अग्रवाल ने हाल ही में कहा था कि आयात शुल्क 15 से छह फीसदी करने के बाद तस्करी में कमी आई है.

सोना तस्करी करते हुए अगर कोई पकड़ा जाता है तो विभिन्न धाराओं में मुकदमा होगा. इसमें दोषी पाए जाने पर 5 लाख रुपए का ज़ुर्माना, उम्रकैद और विदेश यात्रा पर आजीवन रोक भी लग सकती है.

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