बिहार की राजधानी पटना में दाखिल-खारिज (Mutation) और परिमार्जन प्लस के हजारों मामले अटके हुए हैं. इससे लोगों को परेशानी हो रही है. जिलाधिकारी डॉ चंद्रशेखर सिंह ने इस पर नाराजगी जताई है. उन्होंने 31 मार्च तक सभी अटके मामलों को निपटाने का आदेश दिया है. लापरवाही करने वाले अधिकारियों पर कार्रवाई की जाएगी. बता दें कि जिले में दाखिल-खारिज के 21,803 और परिमार्जन प्लस के 15,149 आवेदन लंबित हैं.
दाखिल-खारिज में हुई लापरवाही तो होगी कार्रवाई
पटना जिले में दाखिल-खारिज (Mutation) के मामले बहुत समय से अटके हुए हैं. लोगों को जमीन से जुड़े काम करवाने में दिक्कत आ रही है. इन दिक्कतों को देखते हुए जिलाधिकारी डॉ चंद्रशेखर सिंह ने एक मीटिंग की. इस मीटिंग में उन्होंने अधिकारियों को फटकार लगाई. उन्होंने कहा कि 31 मार्च तक हर हाल में सभी लंबित मामलों को निपटा दिया जाए. अगर कोई अधिकारी लापरवाही करता है, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.
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पटना जिले में दाखिल-खारिज से जुड़े कुल 21,803 आवेदन लंबित हैं. इनमें से 7,824 मामले तो 75 दिनों से भी ज्यादा समय से अटके हुए हैं. परिमार्जन प्लस के तहत 15,149 आवेदन 120 दिनों से लंबित हैं. हालांकि, कुछ अंचलों ने अच्छा काम किया है. घोसवरी, पंडारक और बिक्रम अंचल में सभी मामले निपटा दिए गए हैं. लेकिन, बिहटा में सबसे ज्यादा 2,133 आवेदन लंबित हैं. इसके अलावा, संपतचक में 1,878, दीदारगंज में 1,053, दानापुर में 594 और नौबतपुर में 455 आवेदन लंबित हैं.
जल्द से जल्द निपटाने का आदेश
डीएम ने सख्त आदेश दिया है कि जिन अंचलों में 75 दिनों से ज्यादा समय से दाखिल खारिज (Mutation) के मामले लंबित हैं, वहां जिला स्तर पर जांच कराई जाएगी. उन्होंने भूमि सुधार उप समाहर्ता को हर हफ्ते एक अंचल का निरीक्षण करके रिपोर्ट देने को कहा है. डीएम ने सभी डीसीएलआर को भी आदेश दिया है कि वे 90 दिनों से ज्यादा समय से लंबित बीएलडीआरए कोर्ट के मामलों और 30 दिनों से ज्यादा समय से लंबित म्यूटेशन अपील को जल्द से जल्द निपटाएं.