दानापुर के राजद विधायक और लालू परिवार के करीबी बाहुबली रीतलाल यादव (Ritlal Yadav) के 11 ठिकानों पर शुक्रवार को STF और पटना पुलिस ने एक साथ छापेमारी की. विधायक के घर-ऑफिस को 500 से अधिक पुलिसकर्मियों ने घेर लिया था. सिटी एसपी सरथ आरएस ने बताया कि ‘6 से 7 लोगों ने शिकायत की थी. इसके बाद पटना पुलिस ने रीतलाल यादव, उसके भाई पिंकू यादव, भतीजा धीरज, सुनील महाजन समेत अन्य के खिलाफ FIR दर्ज की थी. कोर्ट के आदेश पर छापेमारी की गई है.’
पुलिस की टीम एक साथ रीतलाल के कोथवा स्थित आवास, कार्यालय, नौबतपुर, गोला रोड अभियंता नगर स्थित महाजन मेंशन, बिहटा, पटना समेत अन्य ठिकानों पर छापेमारी शुरू की. इसमें बिहटा और नौबतपुर में रेड पहले खत्म हो गई. हालांकि, कोथवा के चार ठिकानों और गोला रोड स्थित महाजन मेंशन में करीब 7 घंटे तक छापेमारी की गई. इस दौरान आर्म्स डिटेक्टर से घर की तलाशी की गई.
राजद विधायक रितलाल यादव के घर से क्या मिला
विधायक रितलाल यादव (Ritlal Yadav) के ठिकानों पर छापेमारी में लगभग 10.5 लाख कैश, 77 लाख का ब्लैक चेक, 6 संदिग्ध ब्लैक चेक, 14 डीड और एग्रीमेंट, 17 चेक बुक, स्टांप पेपर, 6 पेन ड्राइव और एक वॉकी-टॉकी बरामद किया गया. अब रीतलाल के केस में EOU की एंट्री हो सकती है.
छापेमारी की कार्रवाई सिटी एसपी सरथ आरएस के नेतृत्व में की गई. मौके पर स्थानीय पुलिस के साथ-साथ बड़ी संख्या में एसटीएफ के जवान मौजूद थे. बताया जा रहा है कि रीतलाल के कोथवा स्थित आवास पर आर्म्स डिटेक्टर से पूरे घर की तलाशी ली गई. हालांकि, किसी तरह के हथियार घर में होने की बात सामने नहीं आई है.
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ASP भानु प्रताप ने बताया
विधायक रीतलाल के खिलाफ खगौल थाने में रंगदारी मांगने को लेकर एक शख्स ने FIR दर्ज कराई थी. उसने कहा था कि रीतलाल और उनके लोग रंगदारी मांगते हैं, धमकाते-डराते हैं. इस मामले में ही पुलिस ने कार्रवाई की है. ASP ने बताया कि ‘छापेमारी के दौरान रीतलाल यादव अपने घर से फरार थे.’ क्या उनकी गिरफ्तारी हो सकती है? इस सवाल पर उन्होंने कहा कि ‘नियम के अनुसार जो भी सख्त एक्शन होगा लिया जाएगा. फिलहाल जांच की जा रही है.’
रीतलाल के परिजनों से भी होगी पूछताछ
ASP ने बताया कि ‘यह कार्रवाई अभी खत्म नहीं हुई है. फिलहाल उनके परिजनों से पूछताछ की जा रही है. जरूरत पड़ने पर रीतलाल यादव से भी पूछताछ की जाएगी. छापेमारी के दौरान आर्म्स डिटेक्टर मशीन भी मंगाई गई थी, लेकिन जांच के दौरान किसी प्रकार का कोई हथियार बरामद नहीं हुआ है.’
कौन हैं रीतलाल यादव
- 2010 के चुनाव से पहले सरेंडर किया. फिर जेल से ही निर्दलीय लड़े, लेकिन हार गए.
- 2016 में विधान परिषद के सदस्य बने. उस समय भी रीतलाल जेल में ही थे.
- अप्रैल 2020 में जमानत पर रिहा हुए. दानापुर से राजद के टिकट पर लड़े और जीत गए.