बिहार के जमीन मालिकों (Bihar Bhumi) के लिए राहत भरी खबर 1 अप्रैल को आई थी जब राज्य सरकार ने स्वघोषणा पत्र (Self Declaration) जमा करने की आखिरी तारीख को 15 दिन और बढ़ाने का फैसला किया था. पहले यह तिथि 31 मार्च निर्धारित थी, लेकिन समय सीमा के भीतर बड़ी संख्या में जमीन मालिक इस प्रक्रिया को पूरा नहीं कर पाए थे. इसे ध्यान में रखते हुए नीतीश सरकार ने उन्हें एक और मौका दिया था.
क्या होता है स्वघोषणा पत्र (Self Declaration Form)
बिहार में जारी भूमि सर्वेक्षण (Bihar Bhumi) के काम में प्रक्रिया के तहत सभी जमीन मालिकों को अपनी जमीन से जुड़ी जानकारी सरकार को उपलब्ध करानी होती है. इसके लिए प्रत्येक जमीन मालिक को एक स्वघोषणा पत्र (Self Declaration Form) भरना अनिवार्य है. इस फॉर्म में जमीन के स्वामित्व, उसकी सीमाएं और अन्य जरूरी जानकारी दर्ज किए जाते हैं, ताकि जमीन से जुड़ी सभी जानकारियां रिकॉर्ड में रहे. इसका उद्देश्य भूमि विवादों को कम करना और जमीन से जुड़ी जानकारी को डिजिटल रूप से सुरक्षित करना है.
ये भी पढ़ें..
- बिहार जमीन सर्वे में जमीन मालिकों के लिए बड़ी खबर! 15 अप्रैल तक जमा करें स्वघोषणा पत्र.
- गांवों में अपनी जमीन खोज रही हैं सरकार, खाता व खेसरा को लेकर जारी हुवा नया अपडेट.
- आधार कार्ड को लेकर भारत सरकार ने जारी किया नया फीचर, अब कही आधार कार्ड देने से पहले जान लें ये पूरी बातें.
- बिहार में जमीन की जमाबंदी में हो रहा है बड़ा खेल, रजिस्टर-2 में हेराफेरी की अब होगी सख्ती से जांच.
स्वघोषणा पत्र जमा करने के लिए सिर्फ 3 दिन बाकी
राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने जमीन मालिकों (Bihar Bhumi) के लिए स्वघोषणा पत्र जमा करने का फाइनल अल्टिमेटम 15 अप्रैल तक दिया है. हालांकि यह अल्टिमेटम 31 मार्च तक ही थी. लेकिन कई जिलों में इस प्रक्रिया की रफ्तार धीमी रहने के कारण सरकार ने समयसीमा बढ़ाकर अब 15 अप्रैल करने का फैसला किया.
यह फैसला विशेष रूप से उन जिलों के लिए अहम है, जहां स्वघोषणा पत्र भरने का कार्य अपेक्षा के अनुसार नहीं हो सका था. हालांकि इसका लाभ पूरे बिहार के भूमि स्वामियों को मिलेगा, जिन्हें अब अपनी जमीन से जुड़ी जानकारी समय पर देने का एक और मौका मिल गया है. मगर अब जमीन मालिकों के लिए अपनी स्वघोषणा पत्र भरने के लिए अब मात्र 3 दिन ही बचे हैं.
ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों विकल्प उपलब्ध
विभाग के इस फैसले से जमीन मालिकों के पास स्वघोषणा पत्र जमा करने के लिए ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों विकल्प मौजूद हैं. इससे प्रक्रिया और भी आसान हो गई है. राज्य सरकार का यह फैसला रैयतों के लिए राहत भरी खबर है, क्योंकि इससे उन्हें अपनी संपत्ति से जुड़ी जानकारी देने के लिए अतिरिक्त समय मिल गया है. सरकार द्वारा तय की गई नई समयसीमा के अनुसार, सभी जमीन मालिक 15 अप्रैल तक यह प्रक्रिया पूरी कर सकते हैं. इसका उद्देश्य है कि भविष्य में जमीन से जुड़े किसी भी कानूनी विवाद या परेशानी से लोगों को बचाया जा सके.