लखनऊ में गुरुवार सुबह चलती स्लीपर एसी बस में आग (Burning Bus) लग गई. हादसे में 5 यात्रियों की जलकर मौत हो गई. मृतकों में 2 बच्चे, 2 महिलाएं और 1 पुरुष है. बस में करीब 80 यात्री सवार थे. बस बिहार से दिल्ली जा रही थी. हादसा सुबह 5 बजे आउटर रिंग रोड (किसान पथ) पर मोहनलालगंज के पास हुआ. उस वक्त ज्यादातर यात्री सो रहे थे. यात्रियों ने बताया कि बस में अचानक धुआं भरने लगा. लोगों को कुछ समझ नहीं आया. कुछ ही मिनटों में आग की तेज लपटें उठने लगीं.
बस के अंदर भगदड़ मच गई. बस ड्राइवर और कंडक्टर आग लगते ही बस को छोड़कर भाग गए. ड्राइवर की सीट के पास एक एक्स्ट्रा सीट लगी थी. ऐसे में यात्रियों को नीचे उतरने में दिक्कत हुई. कई यात्री फंसकर गिर गए. आसपास के लोगों ने पुलिस और फायर ब्रिगेड को सूचना दी. जब तक दमकल की गाड़ियां पहुंचीं, तब तक पूरी बस जल चुकी थी. दमकल ने करीब 30 मिनट में आग बुझाई. वही जब दमकल कर्मी अंदर पहुंचे तो जले हुए 5 शव मिले.
पुलिस की शुरुआती जांच में सामने आया है कि बस का इमरजेंसी गेट नहीं खुला. इस वजह से पीछे बैठे लोग फंस गए. बस में पांच-पांच किलो के सात गैस सिलेंडर थे. हालांकि, कोई भी सिलेंडर फटा नहीं.
मुसीबत में ड्राइवर और कंडक्टर कूदकर भी भाग गए
बस सवार अनुज सिंह ने बताया- बस के इंजन में स्पार्किंग से आग (Burning Bus)लग गई. हादसे के वक्त ज्यादातर यात्री सो रहे थे. आग लगने के बाद बस में चीख-पुकार मच गई. यह देखकर ड्राइवर और कंडक्टर कूदकर भाग गए. बस में आगे बैठे लोग तो किसी तरह निकल गए, लेकिन पीछे बैठे लोग फंस गए.
इमरजेंसी गेट खोलने की कोशिश की, लेकिन वह नहीं खुला. इसके बाद यात्रियों ने खिड़कियां तोड़कर कूदना शुरू किया. मेरे साथ पत्नी थी. मैंने तुरंत उसे जगाया. हम दोनों बस से उतरने लगे तो चालक के पास लगी अतिरिक्त सीट में फंसकर गिर गया. मेरे ऊपर से चढ़कर एक आदमी निकल गया. किसी तरह से मेरी जान बची. हादसे के बाद बस से निकलने के चक्कर में मेरी तरह कई लोग फंसकर गिर गए. जो गिरा, वह उठ नहीं पाया. लोग उन्हें कुचलते हुए बाहर निकल गए. ज्यादातर लोगों का सामान बस में जलकर राख हो गया.
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बस सवार अन्य यात्रियों ने क्या कहा, जानिए
- रवि कुमार ने कहा- यह घटना सुबह करीब साढ़े चार-पौने पांच बजे की है. गियर के पास स्पार्क हुआ और वहीं से आग लगनी शुरू हुई. ड्राइवर बिना किसी को बताए भाग गया. आगे के यात्री तो किसी तरह निकल गए, लेकिन पीछे के यात्री फंस गए.
- तार चंद ने कहा- ड्राइवर-कंडक्टर ने किसी को आवाज नहीं दी. दोनों कूदकर भाग गए. उनकी लापरवाही के कारण आग लगी. धुएं की गंध से आग लगने की जानकारी मिली.
- बालक राम ने बताया- मैं सात माह की गर्भवती पत्नी और दो बच्चों के साथ बस में सवार था. आग लगने पर पहले पत्नी को नीचे उतारा. बच्चे सीट पर सो रहे थे. उन्हें नीचे नहीं उतार पाया.