राजपुर विधानसभा (Rajpur Assembly) चुनाव को लेकर जितनी गहमा गहमी पार्टियों के अन्दर है उतनी ही बेचैनी जनता के बिच भी देखने को मिल रही है. वर्तमान में यहाँ कॉंग्रेस से विश्वनाथ राम सिटिंग विधायक के रूप में हैं.
हालांकि बिहार विधानसभा चुनाव होने में अभी लगभग 6 महीने है मगर जिस तरीके से सभी दलों की धमा चौकड़ी हो रही हैं ऐसे में ये महीने चुटकियों में निकल जाएंगे. द भारत न्यूज़ के विश्लेष्ण में बक्सर जिले का राजपुर विधानसभा (Rajpur Assembly) इस बार कुछ दिलचस्प होने के संकेत दे रहे है.
दलों के गठबंधन से बिगड़ सकता है समीकरण
वोटर लिस्ट के मुताबिक राजपुर विधान सभा क्षेत्र में लगभग 3,19,990 मतदाता हैं. आकड़ें कुछ बढ़ भी सकते हैं. इस सीट पर भाजपा, कांग्रेस, जेडीयू मुख्य पार्टियां रही है. हालांकि यहाँ बहुजन समाज पार्टी को भी कम नहीं आँका जा सकता हैं. वही एक समय में सीपीआई का भी बोलबाला कम नहीं था, मगर यह शोर अब थम सा गया हैं.
हालांकि इस बार दलों के गठबंधन में हेर फेर होने से जातीय समीकरण बदलने की संभावना जरूर है. 2020 चुनाव में जहा एनडीए में बीजेपी जेडीयू, हम, और वीआईपी शामिल थी. वही 2025 चुनाव में एनडीए के साथ बीजेपी, जेडीयू, आरएलएम, हम और लोजपा शामिल हैं. बात करें महागठबंधन की तो 2020 चुनाव से अब तक राजद, कॉंग्रेस, सीपीआई, सीपीआई (माले), और सीपीएम एक साथ ही है. इनमे अब वीआईपी भी शामिल हो गई हैं. वही इस बार बीएसपी, AIMIM, और जन सुराज तीनों दल, बिहार के सभी सीटों पर चुनाव लड़ने की योजना बना रही है.
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राजपुर विधानसभा (Rajpur Assembly Elections) के सीटों पर दावेदारी
इस सीट पर एनडीए के दावेदारी की बात करे तो जेडयू और बीजेपी मुख्य रूप से है. हालांकि जेडीयू इस सीट पर तीन बार फतेह कर चुकी हैं, और बीजेपी एक अरसे से नील रही है. ऐसे में दोनों दल के अलाइन्स होने से जेडयू इस सीट की मजबूत दावेदार दिख रही है.
वही राजपुर सीट पर महागठबंधन के दावेदारी की बात करे तो राजद और कॉंग्रेस ही मुख्य दावेदार है. मगर राजद पिछले दस सालों में यहाँ नहीं दिखी है, और कॉंग्रेस इस सीट पर दो बार फतेह कर चुकी है. फिलहाल यहाँ कॉंग्रेस के अपने सीटींग विधायक भी है. इसलिए इस सीट पर कॉंग्रेस की दावदारी मजबूत दिख रही हैं.
शाख बचाने के लिए लगाने पड़ेंगे एड़ी चोटी का जोर
राजपुर विधानसभा चुनाव 2025 में ये तय हैं कि जेडयू से संतोष कुमार निराला ही मैदान में होंगे. वही कॉंग्रेस भी अपने सीटींग विधायक विश्वनाथ राम पर ही दावं आजमाने वाली है. मगर इस बार दोनों दलों के लिए थोड़ी सी राह मुश्किल दिख रही हैं. चुकी प्रशांत किशोर भी इस सीट पर नजर गड़ाए हुवे हैं. हालांकि पिछले रिकॉर्ड को खंगाला जाए तो खेल बिगड़ने के लिए अकेले बहुजन समाज पार्टी ही काफी हैं.
चुकी 2025 चुनाव में बीएसपी और AIMIM अलाइन्स थी मगर मगर इस बार अकेले चुनाव लड़ने की तैयारी में हैं. हालांकि इनके उम्मीदवारो का कुछ अता पाता नहीं है मगर एक बात तो तय हैं कि माहौल दिलचस्प होने वाला हैं.
कुल मिलाकर आकड़ें यह बता रहे है कि जेडीयू को वापसी करनी है तो एड़ी चोटी की जोर लगानी पड़ेगी. वही कॉंग्रेस को भी अपनी शाख बचाने के लिए अपना दम खम दिखाना होगा. अंततः यह लड़ाई संतोष कुमार निराला और विश्वनाथ राम के इर्द गिर्द ही रहेगी. फिलहाल कुर्सी की पेटी बांध लीजिए चुकी चर्चाओं का बाज़ार गर्म है.