बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर सभी दलों ने अपनी कमर कस ली हैं. साल के अंत में यानी अक्टूबर-नवंबर में बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar Assembly Elections) होने को हैं. ऐसे में ये लगभग तय माना जा रहा हैं कि NDA और महागठबंधन की पार्टियों ने सीटों का बंटवारा कर लिया है. अंदरखाने में अब सीटों के चयन की प्रक्रिया की जा रही है.
सूत्रों के मुताबिक, दोनों गठबंधन की पार्टियां आपस में सीटों की अदला-बदली कर सकती हैं. सीटों के चयन में सीटींग सीट को तरजीह दी जा रही है. जहां से जो पार्टी चुनाव जीत सकती है, उसे वहां का टिकट दिया जाएगा. सीटों का चयन होने के बाद ही आगे की प्रक्रिया शुरू होगी. हालांकि, किसी भी गठबंधन की तरफ से अभी आधिकारिक तौर पर घोषणा नहीं की गई है.
NDA में 5 और महागठबंधन में 6 दल शामिल हैं
- NDA : BJP, JDU, चिराग पासवान की LJP(R), जीतनराम मांझी की HAM यानी हिंदुस्तान आवाम मोर्चा, उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी राष्ट्रीय लोक मोर्चा (RLM)
- महागठबंधन: RJD, कांग्रेस, माले, CPI, CPM और मुकेश सहनी की विकासशील इंसान पार्टी (VIP).
भाजपा और जदयू के खाते में 100-100 सीट
सूत्रों के मुताबिक, बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar Assembly Elections) में NDA में भाजपा अपने पास 100 सीटें रख सकती है. जबकि, इतनी ही सीटें जदयू को मिल सकती है. पिछली बार चुनाव में भाजपा 110 सीटों पर चुनाव लड़ी थी और 74 सीटों पर जीत हासिल की थी. वही JDU 115 सीटों पर लड़ी थी और मात्र 43 सीटें ही जीत पाई थी..
बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar Assembly Elections) में इस बार सीट बटवारों को लेकर जो पार्टी चर्चा में हो वो हैं केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान की पार्टी लोजपा (रामविलास) की. खबरों की माने तो चिराग पासवान ने 30 सीटों की मांग की हैं. जबकि, केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी की पार्टी ‘हम’ और पूर्व केंद्रीय मंत्री व राज्यसभा सांसद उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी ‘राष्ट्रीय लोक मोर्चा’ को 6-6 सीट मिल सकती है. संभावना है कि इस बार बची हुई एक सीट भाजपा अपने पास रख सकती है. वो कुल 101 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतार सकती है.
हालांकि अंदरखाने में बाते ये भी चल रही हैं कि यदि उपेन्द्र कुशवाहा को दहाई से नीचे सीटें मिली तो वह एक बार फिर से अपनी राहें अलग कर सकते हैं. वही चिराग पासवान की पार्टी भी लगातार ये बातें कह रही हैं कि वह अकेले चुनाव लड़ने में सक्षम हैं. अगर ऐसा हुवा तो चुनावी समीकरण फिर से बदल सकते हैं.
सामाजिक समीकरण का रखेगा NDA
सूत्रों के अनुसार, NDA में इस बार सीटों की अदला-बदली भी हो सकती है. जैसे एक ऐसी सीट जिस पर भाजपा लगातार दो बार चुनाव हार रही है, उसे उस सहयोगी को दिया जा सकता है, जिनके जीतने की संभावना ज्यादा है. हालांकि, इसमें इस बात पर जोर दिया जाएगा कि कैंडिडेट के सिलेक्शन में जातिगत समीकरण न बिगड़े. ऐसे उम्मीदवार को सीट नहीं दिया जाएगा जो प्रभावशाली वोट नहीं खींच सकता. कैंडिडेट्स आपसी सहमति से ही चुने जाएंगे.
अब कहानी महागठबंधन की
सूत्रों के मुताबिक, महागठबंधन में 243 सीटों का जो बंटवारा होना है, उसमें सबसे अधिक सीट राजद को मिल सकती है. तेजस्वी यादव की अगुवाई में करीब 150 सीटों पर राजद अपने उम्मीदवार उतार सकती है.
जबकि, कांग्रेस 50 सीटों पर संभवतः मनाने को तैयार गई है, दोनों ही राजनीतिक दलों के बीच 200 सीटें बाटी जा सकती है. बाकी के 43 सीटों में से 30 सीटें वामपंथी दलों को मिल सकती है. जबकि, पूर्व मंत्री मुकेश सहनी की पार्टी ‘VIP’ को 8 से 11 सीट मिलने की संभावना है. बाकी बची सीटों को महागठबंधन में शामिल दल आपस में बांट सकते हैं.
जीतने वाली सीटों को तरजीह देगी कांग्रेस
कांग्रेस के टॉप सोर्स के मुताबिक, पार्टी बिहार में सीटों की संख्या से ज्यादा जीत को तरजीह देगी. वह उन सीटों पर लड़ने का प्रयास करेगी, जहां मजबूत हो. इसके लिए सीटों की अदला-बदली भी हो सकती है. सूत्रों के अनुसार, कांग्रेस के इंटरनल सर्वे में बिहार की 50 सीटों पर मजबूत स्थिति बनती दिख रही है. उन सीटों पर पार्टी अपना कैंडिडेट्स उतारने का प्रयास करेगी. दलित वोट बैंक के साथ-साथ जीत वाली सीटों को तरजीह देने पर विचार कर रही है.
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सीट बटवारे की बात पर पार्टी नेताओं ने क्या कहा
सीट शेयरिंग के मामले पर भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता अरविंद सिंह ने कहा, ‘अभी कोई जानकारी नहीं है. केंद्रीय नेतृत्व का मामला है. गठबंधन के अंदर अनुकूल परिस्थितियां हैं. बिहार के विकास को लेकर सभी एकजुट हैं.’
जदयू के प्रदेश प्रवक्ता अरविंद निषाद ने कहा, ‘सार्वजनिक रूप से गठबंधन के अंदर कोई बंटवारा नहीं हुआ है. पूरी स्पष्टता के साथ काम होगा. सीटों का फैसला होने पर ऐलान किया जाएगा.’
राजद प्रदेश प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा, ‘सीटों का बंटवारा सौहार्दपूर्ण तरीके से हो जाएगा. 243 सीटों पर हमारी गठबंधन चुनाव लड़ेगी. बंटवारा होने पर आधिकारिक ऐलान कर दिया जाएगा.’
कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता ज्ञान रंजन ने कहा, ‘गठबंधन के अंदर बातचीत चल रही है. उन सीटों पर हमारी मांग मजबूती से है, जहां हमारे उम्मीदवार जीत सकते हैं. कांग्रेस पार्टी ने 70 से अधिक सीटों की डिमांड की है.’