बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar Assembly Elections) से पहले एनडीए और महागठबंधन में सीट बंटवारे को लेकर लगातार प्रेशर पॉलिटिक्स देखने को मिल रहा है. इस बार महागठबंधन खेमे के घटक दल CPI(ML)L 2020 के मुकाबले 2025 में दोगुनी सीटों पर प्रत्याशी उतारने की तैयारी में है.
CPI(ML)L लगभग 40-45 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारने की योजना बना रही है. पार्टी इस बार किसान, महिलाएं, दलित और पढ़े-लिखे युवाओं को टिकट देने पर विचार कर रही है. 2020 के चुनाव (Bihar Assembly Elections) में CPI(ML)L ने महागठबंधन खेमे में रहते हुए 19 में से 12 सीटें जीती थीं. पार्टी का लक्ष्य इस बार अपनी सीटों की संख्या को बढ़ाना है.
महागठबंधन की बैठक में CPI(ML)L रख चुकी है अपनी बात
CPI(ML)L बिहार विधानसभा चुनाव में अपनी दावेदारी को मजबूत करने के लिए कमर कस रही है. पार्टी ने पांच साल पहले जितनी सीटों पर चुनाव लड़ा था, इस बार लगभग दोगुनी सीटों पर चुनाव लड़ने का लक्ष्य रखा है. CPI(ML)L, RJD के नेतृत्व वाले ‘महा गठबंधन’ का हिस्सा है. पार्टी इस गठबंधन में RJD और कांग्रेस के बाद तीसरी सबसे बड़ी पार्टी है.
पार्टी ने साफ कर दिया है कि वह इस बार 40-45 सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती है. इन सीटों पर पार्टी ने पहले से ही जमीनी स्तर पर काम करना शुरू कर दिया है. वही RJD नेता तेजस्वी यादव ने भी बिहार विधानसभा चुनावों के लिए संयुक्त रणनीति बनाने के लिए लगातार सहयोगी नेताओं से मुलाकात कर रहे हैं.
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40 से 45 सीटों की डिमांड क्यों?
2020 के चुनावों में (Bihar Assembly Elections) CPI(ML)L ने 19 में से 12 सीटें जीती थीं. गठबंधन में उसकी सफलता दर 63.15 प्रतिशत थी. जबकि कांग्रेस ने 70 में से 19 सीटें जीती थीं और उसकी सफलता दर 27.14 प्रतिशत थी. इसके बाद यह बात सामने आई कि कांग्रेस की तुलना में CPI(ML)L को अधिक सीटें मिलनी चाहिए थीं. 2015 में CPI(ML)L ने अकेले विधानसभा चुनाव (Bihar Assembly Elections) लड़ा था और 98 में से तीन सीटें जीती थीं. उस समय पार्टी की सफलता दर 3.06 प्रतिशत थी.
CPI(ML)L के महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने कहा- महा गठबंधन में सीटों के बंटवारे पर बातचीत शुरू हो गई है. उन्होंने कहा कि CPI(ML)L 40-45 सीटों पर चुनाव लड़ना चाहेगी.
दलित और महिलाओं को टिकट देगी CPI(ML)L
पार्टी ने अभी तक किसी भी उम्मीदवार का नाम तय नहीं किया है, लेकिन सूत्रों का कहना है कि इस बार पार्टी अधिक सामाजिक विविधता वाले उम्मीदवारों को मैदान में उतारने की योजना बना रही है. पार्टी अधिक महिलाओं और दलितों के साथ-साथ किसानों और शिक्षित युवाओं को भी टिकट देगी.
एक वरिष्ठ नेता ने कहा, ‘2020 के चुनावों में हम विविधता पर ज्यादा ध्यान नहीं दे पाए थे, क्योंकि हमें बहुत कम सीटें मिली थीं। तब हम केवल एक महिला को मैदान में उतार पाए थे. इस बार, हम अधिक महिलाओं और अधिक दलितों को मैदान में उतारने की योजना बना रहे हैं. हम अधिक उपजातियों को भी प्रतिनिधित्व देने की योजना बना रहे हैं.’
JNU के छात्र नेता को उम्मीदवार बनाएगी CPI(ML)L
पार्टी JNU जैसे प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों के युवा शिक्षित लोगों को भी चुनाव लड़ाने पर विचार कर रही है. नेता ने कहा, ‘पूर्व JNUSU अध्यक्ष धनंजय कुमार ऐसे ही एक संभावित उम्मीदवार हैं. अभी तक कोई नाम तय नहीं किया गया है. लेकिन उनके जैसे उम्मीदवार बिहार के भविष्य को संवारने में भूमिका निभा सकते हैं.’ धनंजय कुमार गया से हैं और दलित समुदाय से ताल्लुक रखते हैं.
तेजस्वी के लिए मुश्किल है सीट बंटवारा
यहां बता दें कि महागठबंधन खेमे में CPI(ML)L जहां 40 से 45 सीटों की डिमांड कर रही है. कांग्रेस 77 सीटें और वीआईपी भी 40 सीटों की डिमांड कर रही है. ऐसे में देखना दिलचस्प होगा कि महागठबंधन के सबसे बड़े दल आरजेडी के नेता तेजस्वी यादव किस तरह से सीटों का बंटवारा करते हैं और तमाम सहयोगियों को कैसे संतुष्ट कर पाते हैं.