BPSC 67वीं PT के पेपर को रद्द कर दिया गया है. आयोग ने यह फैसला पेपर आउट होने के बाद लिया है. बताया जा रहा है कि एग्जाम शुरू होने के पहले ही सी सैट का पेपर सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था. इसके बाद आयोग ने 3 सदस्यीय कमेटी गठित की थी, जिसको 24 घंटे में रिपोर्ट सौंपनी थी, लेकिन कमेटी ने 3 घंटे के अंदर ही अपनी रिपोर्ट दे दी. इसके बाद आयोग के अध्यक्ष आरके महाजन ने परीक्षा रद्द करने का फैसला लिया है. अब दोबारा परीक्षा की नई तिथि घोषित की जाएगी.
पेपर लीक होने का मामला मुख्यमंत्री कार्यालय तक पहुंचा था. कुछ अभ्यर्थियों ने मुख्यमंत्री कार्यालय के मेल आईडी पर वायरल क्वेश्चन पेपर की कॉपी अटैच कर भेज दी थी. इस मामले में मुख्यमंत्री कार्यालय के स्तर से भी संज्ञान लिया गया है और माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री के कड़े रुख के कारण ही BPSC ने तत्काल परीक्षा रद्द करने का फैसला किया है.
नए सेंटर पर संदेह
आयोग के सचिव ने बताया कि BPSC 67वीं की परीक्षा में इस बार रिकॉर्ड छह लाख दो हजार अभ्यर्थियों ने आवेदन किया था. इनके लिए एक हजार 83 सेंटर बनाए गए थे. अभ्यर्थियों की संख्या अधिक होने की वजह से कई ऐसे जगहों पर भी सेंटर बनाए गए थे, जहां परीक्षा कराने का अनुभव नहीं था. हम जांच कर रहे हैं कि किस सेंटर से यह प्रश्न पत्र लीक हुआ है.
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साइबर सेल करेगी जांच
पेपर लीक मामले में बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा की साइबर सेल जांच करेगी. दरअसल, इस मामले में BPSC के अध्यक्ष ने DGP को लेटर लिख जांच कर दोषियों को गिरफ्तार करने को कहा है. पुलिस सूत्रों की मानें तो DGP ने साइबर सेल से पूरे मामले की जांच कराने का आदेश दिया है.
आरा में परीक्षार्थियों को अलग कमरे में बैठाया
वहीं, एग्जाम के दौरान आरा के कुंवर सिंह कॉलेज स्थित परीक्षा केंद्र पर जमकर हंगामा हुआ. परीक्षार्थियों का आरोप था कि केंद्र पर समय से पेपर नहीं दिया गया. साथ ही अलग कमरे में बैठाकर कुछ परीक्षार्थियों को मोबाइल के साथ एग्जाम दिलाया जा रहा था.
बताया जा रहा है कि परीक्षा केंद्र पर जब परीक्षा पत्र देने में विलंब हुआ तो कई परीक्षार्थी अपने कमरे से बाहर निकल कर केंद्राधीक्षक से देर होने का कारण पूछने के लिए आए. यहां परीक्षार्थियों ने देखा कि केंद्र के दो ऐसे कमरे है, जो बंद है, लेकिन वहां परीक्षार्थी बैठे हुए हैं. जब उम्मीदवार उस कमरे के पास पहुंचे तो उन्होंने देखा कि उस कमरे में कई परीक्षार्थियों को पेपर दिया गया है. वो परीक्षा भी दे रहे हैं.
बता दें, परीक्षा का समय दोपहर 12 बजे से 2 बजे निर्धारित था. इसके लिए अभ्यर्थियों को एक घंटे पहले यानी 11 बजे से सेंटर पर एंट्री दी गई थी.
बिहार के करोड़ों युवाओं और अभ्यर्थियों का जीवन बर्बाद करने वाले बिहार लोक सेवा आयोग का नाम बदलकर अब “बिहार लोक पेपर लीक आयोग” कर देना चाहिए।
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) May 8, 2022
तेजस्वी ने कसा तंज
इस मसले पर RJD नेता तेजस्वी यादव ने सरकार पर तंज कसा है. ट्वीट करते हुए उन्होंने लिखा है, ‘बिहार लोक सेवा आयोग का नाम बदलकर बिहार लोक पेपर लीक आयोग कर देना चाहिए.