बिहार में सेना में भर्ती की अग्निपथ योजना (Agneepath Scheme) के विरोध में शनिवार को बंद का आह्वान किया गया था. अधिकारियों ने बताया कि नाराज़ प्रदर्शनकारियों ने शनिवार को बिहार के तारेगना रेलवे स्टेशन को आग के हवाले कर दिया.
वे सरकार से अपना फ़ैसला वापस लेने की मांग कर रहे थे. बिहार पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी संजय सिंह ने समाचार एजेंसी रॉयटर्स को बताया कि हज़ारों की संख्या में नौजवानों ने ट्रेन की बोगियों पर धावा बोला, टायर जलाए और अधिकारियों के साथ उनकी झड़प हुई.
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उन्होंने जानकारी दी कि कम से कम 12 प्रदर्शनकारियों को इस सिलसिले में गिरफ़्तार किया गया है. तारेगना रेलवे स्टेशन पर हुई हिंसा में चार पुलिस कर्मी घायल भी हुए हैं.
मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, अग्निपथ योजना (Agneepath Scheme) को लेकर पटना-गया रेल खंड पर ज़्यादा हिंसा देखी गई. तारेगना रेलवे स्टेशन पर उग्र भीड़ ने स्टेशन मास्टर के केबिन में तोड़-फोड़ और आगजनी की.
दानापुर रेल डिविज़न के प्रमुख प्रभात कुमार ने बताया, “रेलवे परिसर के भीतर हिंसक घटनाओं के कारण रेलवे को 200 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति का नुक़सान हुआ है.
50 रेलवे कोच और 5 इंजन पूरी तरह से जला दिए गए हैं और अब वे इस्तेमाल के लायक नहीं रह गए हैं. रेलवे प्लेटफॉर्म्स, कम्प्यूटर और कई तकनीकी उपकरणों को नुक़सान पहुंचाया गया है.