द भारत: JDU से अलग होकर उपेंद्र कुशवाहा ने अपनी नई पार्टी बना ली है. नई पार्टी बनाने के साथ ही उपेंद्र कुशवाहा का मोदी प्रेम देखने को मिला है. उन्होंने कहा कि 2024 में नरेंद्र मोदी के सामने कोई विकल्प नहीं है. विपक्ष एकजुट नहीं है. ऐसे में नरेंद्र मोदी के सामने कोई चेहरा खड़ा हो ही नहीं सकता है.
उपेंद्र कुशवाहा ने एक निजी समाचार एजेंसी से बात करते हुवे कहा कि अब जदयू में वापस जाने का कोई सवाल पैदा नहीं होता है. हां व्यक्तिगत रूप से नीतीश कुमार अगर खून भी मांगे तो हम उनके लिए खड़े हैं. पढ़िए उपेंद्र कुशवाहा से खास बातचीत…
उपेंद्र जी, क्या यह सच है कि कई जेडीयू के नेता आप के संपर्क में हैं?: निश्चित रूप से, मैं जितने दिन JDU में रहा लोगों से व्यक्तिगत रिश्ते भी रहे हैं. आज जो लोगों के मन में बेचैनी है. एमएलए-एमपी जितने भी हैं, उनके मन में बेचैनी है। सभी लोग संपर्क में हैं.
ललन सिंह कह रहे हैं कि आपके साथ कोई बड़ा नेता नहीं गया है. ना पदाधिकारी गए हैं, ना एमएलए और ना ही एमपी गए है. वही लोग साथ में गए हैं, जो आपके कुनबे के लोग हैं। जो आपके साथ आए थे: बड़ा-छोटा क्या होता है. अगर इतिहास लोगों को याद होगा तो, एक बार कांग्रेस पार्टी टूटी थी. इंदिरा गांधी के नेतृत्व में कोई बड़ा नेता इंदिरा गांधी के नेतृत्व में नहीं आया था. वह संगठन चला रही थीं. ओरिजिनल कांग्रेस उधर रह गई थी. इंदिरा कांग्रेस बनाकर इंदिरा जी निकल गई थीं और जनता उनके साथ थी.
कौन बड़ा नेता आया. कौन नहीं आया, उससे कोई मतलब नहीं है. जनता का क्या मुद्दा है, लोग क्या चाहते हैं? लोगों की इच्छा के साथ चलिएगा तो जनता उसके साथ है. आप सोचिएगा कि भेड़-बकरी की तरह हांक दें. जनता उसके साथ हो जाए, ऐसा नहीं है. जदयू के लोग यह समझ रहे हैं.
आप तीन बार पार्टी छोड़ चुके हैं। क्या फिर मौका मिला तो जदयू के साथ जाएंगे, नीतीश कुमार के साथ जाएंगे?: जहां तक गिनती गिनवाई जा रही है. जितनी बार हमने छोड़ा है, हमने तो पार्टी के लिए ही गिनती गिनवा दी है. जनता दल यूनाइटेड ने कितनी बार इधर से उधर, उधर से इधर किया है। जिसकी वजह से क्या-क्या संज्ञा नहीं दी गई, हमारे नेताओं के द्वारा.
मेरा आदर नीतीश जी के प्रति है. हम कभी किसी को लेकर अनादर शब्द नहीं बोलते हैं. हमारे बारे में है कि हम जाएंगे कि नहीं जाएंगे उनके साथ, हमने विलय कर लिया था. हम चले गए थे.
अब तो सवाल ही नहीं उठता है कि उस रूप में हम कभी जनता दल यूनाइटेड के साथ जाएंगे. अब जनता दल यूनाइटेड की साख नहीं बची है. पूरी साख जनता दल यूनाइटेड ने समाप्त कर ली है. कुछ है ही नहीं. जाने का सवाल ही नहीं पैदा होता है. नीतीश जी को व्यक्तिगत रूप में जरूरत पड़े, कभी दवा की जरूरत पड़े, कभी खून की जरूरत पड़े, उस काम के लिए 24 घंटे खड़ा रहूंगा.
आपने 2024 में प्रधानमंत्री के लिए कोई वैकेंसी नहीं है? जबकि यहां से भी दावा किया गया है, कई जगह से दावा किया गया है: दावा करने से नहीं होता है. विपक्ष के लोग एक साथ नहीं है. उस परिस्थिति में नरेंद्र मोदी के सामने कोई नहीं है.पूर्व केंद्रीय मंत्री और जनता दल यूनाइटेड (JDU) के संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का साथ छोड़ दिया है. कुशवाहा ने सोमवार को पटना में प्रेस कॉन्फ्रेंस की और JDU से इस्तीफे के साथ अपनी नई पार्टी राष्ट्रीय लोक जनता दल का ऐलान किया. वे इसके राष्ट्रीय अध्यक्ष भी होंगे.
18 साल में ये तीसरी बार है, जब उपेंद्र कुशवाहा ने नीतीश का साथ छोड़ा है. इससे पहले उन्होंने 2005 और 2013 में नीतीश का साथ छोड़ा था. कुशवाहा ने नीतीश से अलग होने के बाद 2013 में नई पार्टी बनाई थी. ये दूसरी बार है जब उन्होंने नई पार्टी का ऐलान किया.
तेजस्वी के नेतृत्व को ललन सिंह ने नकारा:उपेंद्र कुशवाहा बागी हुए तो JDU के राष्ट्रीय अध्यक्ष बोले- नीतीश हमारे नेता, वही करेंगे नेतृत्व
बिहार की सियासत के लिहाज से 20 फरवरी का दिन उलट फेर भरा रहा. एक तरफ जहां उपेंद्र कुशवाहा ने एक बार फिर से नीतीश कुमार का साथ छोड़ एक नई पार्टी का ऐलान किया तो वहीं दूसरी तरफ जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह बड़ी होशियारी से तेजस्वी यादव के नेतृत्व को नकार गए.
उपेंद्र कुशवाहा के पार्टी छोड़ने के ऐलान के ठीक बाद जेडीयू ऑफिस में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में ललन सिंह ने कहा कि 2025 की बात 2025 में देखेंगे. अभी नीतीश कुमार जेडीयू के नेता हैं और वही पार्टी का नेतृत्व करेंगे. जेडीयू का किसी पार्टी में विलय नहीं हो रहा है. ललन सिंह के इस बयान को इस लिहाज से भी खास माना जा रहा है कि सीएम नीतीश कुमार ने खुद तेजस्वी यादव के नेतृत्व में 2025 का चुनाव लड़ने का ऐलान किया था.