रेलवे में लैंड फॉर जॉब्स स्कैम (Land For Jobs Scam) में आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव बुधवार को दिल्ली में राउज एवेन्यू कोर्ट में अपना पक्ष रखेंगे. इस केस में उनकी पत्नी और पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी को भी समन जारी किया गया है. राबड़ी मंगलवार को दिल्ली के लिए निकल गई हैं.
सीबीआई की तरफ से 5 महीने पहले इस केस में चार्जशीट दाखिल की गई थी. 15 दिन पहले लालू, राबड़ी और बेटी मीसा के अलावा इस केस में 14 अन्य आरोपी को भी समन भेजा गया है.
हाईकोर्ट के वरिष्ठ वकील के मुताबिक
समन के बाद लालू यादव को कोर्ट में अपनी दलील देनी होगी. इस पूरे मामले में वे अपना पक्ष रखेंगे. ये साबित करेंगे कि उनके ऊपर लगे आरोप निराधार हैं. इसके साथ ही वे कोर्ट में अपनी जमानत को भी बरकरार रखने की अपील करेंगे. उन्होंने बताया कि अगर उनकी तरफ से जमानत की शर्तों का उल्लंघन नहीं किया गया होगा तो उनकी जमानत बरकरार रहेगी. इसके अलावा हेल्थ के ग्राउंड पर भी वे जमानत को जारी रखने की मांग कर सकते हैं.
समन से पहले सीबीआई लालू यादव और राबड़ी देवी से पहले ही घंटों पूछताछ कर चुकी है. सीबीआई की टीम पटना में राबड़ी देवी से 4 घंटे तो लालू यादव से दिल्ली में साढ़े चार घंटे पूछताछ कर चुकी है.
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चार्जशीट में रेलवे के कई अधिकारियों को भी बनाया गया है दोषी
स्पेशल कोर्ट में दायर चार्जशीट में लालू परिवार के अलावा तत्कालीन सेंट्रल रेलवे के जीएम, सीपीओ समेत बड़े अधिकारियों को भी दोषी बनाया गया है. चार्जशीट में सीबीआई ने बताया है- ‘जांच में सेंट्रल रेलवे के कई अधिकारियों का भी नाम सामने आया है. इसमें जीएम और सीपीओ स्तर के अधिकारी भी शामिल हैं.
ये जॉब के बदले फर्जी तरीके से अपने किसी करीबी रिश्तेदार या संबंधियों के नाम पर जमीन की रजिस्ट्री करवाई है. जमीन की रजिस्ट्री न केवल सर्कल रेट से कम कीमत में कराई गई है बल्कि जमीन औने-पौने दाम में अधिकारियों के नाम कर दी गई.
चार्जशीट के मुताबिक जमीन के बदले नौकरी पाने (Land For Jobs Scam) वाले कर्मचारियों के डॉक्यूमेंट भी सही नहीं पाए गए हैं. उनके कई कागजात फर्जी हैं. यहां तक की डॉक्यूमेंट शामिल उनके टीसी भी गलत तरीके से सर्टिफाइड कराए गए हैं. मिनिस्टि्री में इसी गलत सर्टिफिकेट के आधार पर नौकरी दे दी गई है.
7 डील में जानिए लैंड फॉर जॉब डील का पूरा खेल
डील 1:CBI ने अपनी शुरुआती जांच में पाया कि 6 फरवरी 2008 को पटना के किशुन देव राय ने अपनी जमीन काफी कम कीमत पर राबड़ी देवी के नाम कर दी. यानी 3,375 वर्ग फीट जमीन सिर्फ 3.75 लाख रुपए में राबड़ी देवी काे बेच दी. साथ ही इसी साल परिवार के 3 मेंबर्स राज कुमार सिंह, मिथिलेश कुमार और अजय कुमार को मध्य रेलवे मुंबई में ग्रुप डी के पद पर नौकरी मिल गई.
डील 2: फरवरी 2008 में पटना के महुआबाग के संजय राय ने भी सिर्फ 3.75 लाख रुपए में 3,375 वर्ग फीट जमीन राबड़ी देवी को बेच दी. CBI ने अपनी जांच में पाया कि संजय राय के अलावा परिवार के 2 अन्य मेंबर्स को रेलवे में नौकरी मिल गई.
पटना की रहने वाली किरण देवी
डील 3: पटना की रहने वाली किरण देवी ने नवंबर 2007 में सिर्फ 3.70 लाख रुपए में अपनी 80,905 वर्ग फीट जमीन लालू यादव की बेटी मीसा भारती को बेच दी. इसके बाद 2008 में सेंट्रल रेलवे मुंबई में किरण देवी के बेटे अभिषेक कुमार को नौकरी मिल गई.
डील 4: फरवरी 2007 में पटना निवासी हजारी राय ने अपनी 9,527 स्क्वायर फीट जमीन दिल्ली की कंपनी एके इंफोसिस्टम प्राइवेट लिमिटेड को 10.83 लाख रुपए में बेच दी. बाद में हजारी राय के 2 भतीजों दिलचंद कुमार और प्रेम चंद कुमार को वेस्ट-सेंट्रल रेलवे जबलपुर और साउथ-ईस्टर्न रेलवे कोलकाता में नौकरी मिल गई.
CBI ने पाया कि एके इंफोसिस्टम के सभी अधिकार और संपत्ति साल 2014 में लालू प्रसाद यादव की बेटी और पत्नी को दे दिए गए थे. राबड़ी देवी ने 2014 में कंपनी के ज्यादातर शेयर खरीद लिए और बाद में कंपनी की डायरेक्टर बन गईं.
डील 5: पटना निवासी लाल बाबू राय ने मई 2015 में मात्र 13 लाख रुपए में अपनी 1,360 वर्ग फीट की जमीन राबड़ी देवी के नाम कर दी. CBI ने जांच की तो पता चला कि लाल बाबू राय के बेटे लाल चंद कुमार को 2006 में नॉर्थ-वेस्टर्न रेलवे जयपुर में नौकरी मिली थी.
डील 6: बृज नंदन राय ने मार्च 2008 में अपनी 3,375 वर्ग फुट जमीन गोपालगंज निवासी हृदयानंद चौधरी को 4.21 लाख रुपए में बेच दी. हृदयानंद चौधरी को साल 2005 में ईस्ट-सेंट्रल रेलवे हाजीपुर में नौकरी मिल गई. 2014 में हृदयानंद चौधरी ने गिफ्ट डीड के जरिए इस जमीन को लालू प्रसाद यादव की बेटी हेमा को ट्रांसफर कर दिया.
CBI ने जांच की तो पाया
हृदयानंद चौधरी और लालू प्रसाद यादव दूर के भी रिश्तेदार नहीं हैं. साथ ही जिस जमीन को गिफ्ट के रूप में दिया गया, उस वक्त सर्कल रेट के अनुसार उसका मूल्य 62 लाख रुपए था.
डील 7: विशुन देव राय ने मार्च 2008 में अपनी (Land For Jobs Scam) 3,375 वर्ग फीट की जमीन सीवान निवासी ललन चौधरी को दे दी. ललन के पोते पिंटू कुमार की साल 2008 में वेस्टर्न रेलवे मुंबई में नौकरी लग गई. इसके बाद ललन चौधरी ने फरवरी 2014 में इस जमीन को हेमा यादव को दे दिया.