द भारत: गया के मगध और आरा के वीर कुंवर सिंह यूनिवर्सिटी में हुए कुल 18 करोड़ के घोटाला मामले में मंगलवार को स्पेशल विजिलेंस यूनिट (SVU) ने कार्रवाई की है. स्पेशल निगरानी कोर्ट में पूर्व कुलपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद समेत 29 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर दिया है. इनमें दो सप्लायर के साथ सिक्योरिटी एजेंसी का मालिक भी शामिल है. चार्जशीट पूरे 1000 पन्नों में है. SVU ने इन सभी के खिलाफ कुलाधिपति से मुकदमा चलाने की मांग भी कर दी है.
10 गुणा से अधिक थी कमाई: साथ कोर्ट से इस मामले में कानूनी प्रक्रिया शुरू करने की अपील की है. फिलहाल पूर्व कुलपति पटना के जेल में बंद है. इस केस में 8 फरवरी को उन्होंने सरेंडर किया था. देश के किसी भी राज्य के यूनिवर्सिटी में बड़े पदों पर बैठे अधिकारियों द्वारा घोटाला किए जाने का यह पहला मामला है. अपने इस चार्जशीट में SVU ने लिखा है कि मगध यूनिवर्सिटी में कुलपति रहते वक्त डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने अवैध तरीके से इतनी कमाई की जो उनकी आय से 10 गुणा अधिक थी.
आमदनी से अधिक संपत्ति भी मिली थी: उत्तर प्रदेश के रहने वाले डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद मगध यूनिवर्सिटी के कुलपति थे. इनके पास वीर कुंवर सिंह यूनिवर्सिटी का भी प्रभार था. आरोप है कि इस दौरान अपने चहेते लोगों के साथ मिलकर इन्होंने सरकारी रुपयों का बंदरबाट किया था.
एक साजिश के तहत दोनों यूनिवर्सिटी को मिलाकर 18 करोड़ से अधिक का घोटाला किया। ये घोटला पूर्व कुलपति के आय से अधिक संपत्त का मामला भी बन गया. SVU की जांच में इनके पास 2.66 करोड़ की काली कमाई मिली थी. जो इनके वैद्य आमदनी से 500 प्रतिशत अधिक थी.
शुरुआत में हुई थी 4 लोगों की गिरफ्तारी: SVU ने 16 नंबर 2021 को इस मामले में FIR दर्ज किया था. फिर अपनी जांच शुरू की थी. साथ ही पूर्व कुलपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद के उत्तर प्रदेश स्थित घर और बोध गया स्थित सरकारी आवास पर छापेमारी की थी. इनकी गिरफ्तारी के लिए कई बार छापेमारी भी की गई थी. तब कुछ समय के लिए पूर्व कुलपति ने कोर्ट से गिरफ्तारी पर रोक का आदेश भी ले लिया था.
लेकिन, बाद में उन्हें सरेंडर भी करना पड़ा. इस मामले में SVU ने मगध यूनिवर्सिटी के प्रो. विनोद कुमार, प्रो. जयनंदन प्रसाद, पुष्पेंद्र प्रसाद वर्मा और सुबोध कुमार को गिरफ्तार कर जेल भेजा था. जबकि, 4 पदाधिकारियों के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट दाखिल किया था. इन सब कार्रवाई के बाद भी SVU ने अपनी जांच इस मामले में जारी रखी.