Bihar Hindi News: टीईटी शिक्षक संघ की ओर से शुक्रवार को पटना हाईकोर्ट में नई शिक्षक नियमावली के खिलाफ याचिका दायर की गई है. याचिका में नई शिक्षक नियुक्ति नियमावली 2023 को रद्द करने की मांग की गई है. इसके साथ ही शिक्षक पात्रता परीक्षा पास 2 लाख टीईटी शिक्षकों को जॉइनिंग डेट से राज्यकर्मी का दर्जा देने की भी मांग की है.
टीईटी शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष अमित विक्रम, औरंगाबाद से चंद्रशेखर वर्मा, किशनगंज से फासीह अहमद और यूपी के गाजीपुर जिले के रहने वाले हैदर खान टीईटी शिक्षकों को जॉइनिंग डेट से राज्यकर्मी का दर्जा देने को लेकर याचिकाकर्ता बने हैं.
टीईटी शिक्षक संघ
Bihar Hindi News: टीईटी शिक्षक संघ के अध्यक्ष अमित विक्रम ने कहा कि कुछ ही दिनों में बिहार लोक सेवा आयोग से नई शिक्षक नियुक्ति नियमावली के तहत वैकेंसी के नोटिफिकेशन आने वाले है. याचिका की सुनवाई गर्मी छुट्टी के तत्काल बाद होने की संभावना है. इसकी वजह है कि शुक्रवार से 18 जून तक हाईकोर्ट में गर्मी की छुट्टी हो गई है.
संघ ने कहा- हमें न्यायालय पर भरोसा
टीईटी शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष अमित विक्रम ने कहा है कि नई शिक्षक नियुक्ति नियमावली 2023 असंवैधानिक है. इस नियमावली को जारी करने में हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच के दिए फैसले को भी अनदेखी की गई है. नियमावली में कई बिंदू जोड़े गए हैं, जो पूरी तरीके से असंवैधानिक और न्यायिक दृष्टिकोण से अनुचित है. टीईटी शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि नियमावली के खिलाफ हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाना आवश्यक हो गया था. हमने कई स्तर पर सरकार से वार्ता करने की कोशिश की, लेकिन शिक्षा विभाग हमारी बातों पर ध्यान नहीं दी.
हाईकोर्ट के समक्ष नई नियमावली 2023 पर दी गई आपत्तियां
Bihar Hindi News: CWJC – 2796/2022 में पारित आदेश का उल्लंघन, नियमावली 2012 और 2020 में प्रारंभिक शिक्षकों के 3 ग्रेड बताए गए थे. बेसिक स्नातक और मध्य विद्यालय के प्रिंसिपल, लेकिन नियमावली में प्रिंसिपल पद का जिक्र ही नहीं है. जबकि इसे प्रोमोशन से भरा जाना था.
प्रोमोशन का कोई प्रावधान नहीं है नई नियमावली में. कंडिका 4 में लिखा गया है कि सभी सीटों को सीधी भर्ती से भरा जाएगा, जबकि पूर्व में स्नातक ग्रेड के 50% पद प्रमोशन से भरे जाते थे. कंडिका 5 (iii) में लिखा गया है कि पूर्व से नियोजित शिक्षक दक्षता परीक्षा पास हो तो उन्हें टीईटी की परीक्षा से छूट मिलेगा. क्या NCTE नई बहाली में टीईटी परीक्षा से छूट देने को स्वीकृति दी है?
कंडिका 5 (iv) में लिखा गया है कि विषय विशेष शिक्षकों की योग्यता अलग से बिहार सरकार निर्धारित करेगी. क्या बिहार सरकार को अलग से योग्यता निर्धारित करने का अधिकार है? क्या एनसीटीई से उसकी स्वीकृति ली जाएगी? कंडिका 55 में लिखा गया है कि उम्र सीमा में छूट दी जाएगी. इसका क्या आधार है?
2. हाईकोर्ट के समक्ष नई नियमावली 2023 पर दी गई आपत्तियां
कंडिका 7 (iv) और 7 (v) में यह लिखा गया है कि परीक्षा का पाठ्यक्रम का निर्धारण और पैटर्न का निर्धारण आयोग की ओर से किया जाएगा. क्या इसमें NCTE द्वारा तय मानकों का पालन होगा? क्या NCTE के पाठ्यक्रम का पालन किया जाएगा. यह भी स्पष्ट नहीं है.
क्वालीफाइंग मार्क्स तय करने की प्रक्रिया क्या होगी? क्या पूर्व से कार्यरत शिक्षकों और शिक्षक अभ्यर्थियों के लिए अलग-अलग अहर्ता होंगे? कंडिका 7 (iii) में केवल तीन बार परीक्षा में हिस्सा लेने का प्रावधान किया गया है. इसका क्या आधार है? कंडिका 8 में बताया गया है कि पंचायती राज संस्थाएं और नगर निकाय संस्था के अंतर्गत नियुक्त कार्यों के लिए अलग से प्रक्रिया निर्धारण किया जा सकेगा. इस प्रक्रिया का भी इसमें कहीं कोई उल्लेख नहीं है.
टीईटी शिक्षक संघ ने की ये मांग
दर्ज की गई आपत्तियों के आलोक में नई शिक्षक नियुक्ति नियमावली तत्काल प्रभाव से निरस्त की जाए. जब तक सुनवाई पूरी नहीं हो जाती है, तब तक कोई अधिसूचना या नोटिफिकेशन नहीं निकाला जाए. टीईटी शिक्षक संघ, शिक्षा के अधिकार कानून के तहत मानकों के आधार पर बनाए गए बिहार राज्य पंचायती राज और नगर निकाय संस्था शिक्षक नियोजन 2012 के तहत नियुक्त शिक्षकों का प्रतिनिधित्व करता है.
उस समय गलत तरीके से राज्य कर्मी के तौर पर बहाल करने के बदले पंचायती राज और नगर निकाय संस्थाओं के तहत बहाल किया गया. अब सरकार राज्य कर्मी के तौर पर समाहित करने के लिए नियमावली का निर्धारण कर रही है. नियमावली 2012 के तहत और शिक्षा के अधिकार कानून का पालन करने वाले सभी शिक्षकों को जॉइनिंग डेट से ही राज्यकर्मी का दर्जा दी जाए.