पटना में नई शिक्षा नियमावली के खिलाफ पांच हजार नियोजित शिक्षकों (Bihar Teacher News) ने पदयात्रा निकाली. यह यात्रा पटना के गांधी मैदान से शुरू होकर डीएम कार्यालय पहुंची, जहां शिक्षकों ने आयुक्त कार्यालय में ज्ञापन सौंपा.
शिक्षकों (Bihar Teacher News) की मांग है कि 2023 नियमावली को बदलना होगा. समान काम का समान वेतन देना होगा. उनका कहना है कि हम लोग बीपीएससी परीक्षा देने को तैयार हैं, लेकिन 15-16 साल से हम लोग नौकरी कर रहे हैं उसका क्या? हम इतने साल काम करके फिर से परीक्षा क्यों दें?
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क्या है वजह
नियुक्ति नियमावली के तहत शिक्षक के पद के लिए बीपीएससी परीक्षा देना अनिवार्य कर दिया गया है. लिखित परीक्षा के साथ साक्षात्कार लेने की भी तैयारी में सरकार लगी है. बावजूद इसके शिक्षकों को वेतनमान नहीं मिलने जा रहा है. राज्यकर्मी का नाम मिल जाएगा पर राज्यकर्मी की सुविधा नहीं.
ऐसे समझिये
सरकार जिसे वेतनमान कह रही है, वो नियत वेतनमान है. बीपीएससी की परीक्षा पास कर भी शिक्षक बनते भी हैं तो इन्हें प्रमोशन नहीं मिलने जा रहा.
समान्य राज्यकर्मी को दस-दस साल पर तीन बार प्रमोशन मिलता है. प्रमोशन के अभाव में यह हेडमास्टर नहीं बन पाएंगे. 2005 से अब तक जितने नियोजित शिक्षक हैं, अगर वे बीपीएससी परीक्षा पास कर भी जाते हैं तो उनकी गणना नए शिक्षक की तरह की जाएगी. अब तक जो सेवा नियोजित शिक्षक के रूप में की है, उसे उनके सर्विस में नहीं जोड़ा जाएगा.
अगर सभी सीटों पर पुराने शिक्षक परीक्षा पास कर जाते हैं तो नए प्रशिक्षित शिक्षक की बहाली नहीं हो पाएगी. चार साल से टीईटी परीक्षा पास कर इंतजार करने वाले पुराने शिक्षकों के साथ ये धोखा है.