LPG Price Cut: बीते दिनों केंद्र सरकार ने रसोई गैस सिलिंडर की कीमत में 200 रुपये की कटौती की घोषणा की है. सरकार वित्तीय वर्ष के बचे 7 महीनों के लिए घरेलू एलपीजी की कीमतों को स्थिर कर सकती है, जिससे ग्राहकों को लगभग 18,500 करोड़ रुपये की बचत होगी.
कटौती के बावजूद सरकारी फ्यूल रिटेल विक्रेताओं को प्रति घरेलू रिफिल पर 100 रुपये से अधिक का अनुमानित लाभ हुआ है. टीओआई की रिपोर्ट के अनुसार सरकार ने साल के हिसाब-किताब का मिलान करने के बाद उन्हें किसी भी संभावित नुकसान की भरपाई करने का फैसला किया है.
आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज की रिपोर्ट के अनुसार अनुमान है कि पब्लिक सेक्टर की ऑयल मार्केटिंग कंपनियां ओएमसी ने अप्रैल-जून तिमाही में 22,100 करोड़ रुपये का कंबाइन प्रॉफिट कमाया है, जो जनवरी-मार्च अवधि में 20,800 करोड़ रुपये से अधिक है. वहीं, एक साल पहले की तिमाही में 18,500 करोड़ का घाटा हुआ था. अब प्राइस कटौती के फैसले से कंपनियों को प्रॉफिट लॉस की आशंका है.
रसोई सिलिंडर रिफिल की कीमत में 200 रुपये की कटौती से 33 करोड़ परिवारों को 32,000 करोड़ रुपये की वार्षिक राहत मिलने का अनुमान है, यह देखते हुए कि 2022-23 में लगभग 160 करोड़ रिफिल की खपत हुई थी. अधिकारियों को इस साल अधिक एलपीजी खपत की उम्मीद है क्योंकि 75 लाख नए उज्ज्वला कनेक्शन दिए जाएंगे. उज्जवला योजना के ग्राहक अब अधिक सिलेंडर खरीदने की उम्मीद है, क्योंकि उनके लिए राहत बढ़ाकर 400 रुपये कर दी गई है.
तेल मंत्री ने बुधवार को कहा
तेल मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने बुधवार को कहा कि 3 ऑयल मार्केट कंपनियों ने अच्छे कॉर्पोरेट नागरिक के रूप में कीमतों में कटौती की और अप्रैल-जून (चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही) के बहुत अच्छे मुनाफे का विस्तार किया. इस समय सरकार के लिए यह आकलन करना संभव नहीं है कि साल के शेष भाग में कीमतें किस तरह से व्यवहार करेंगी. लेकिन यह देखते हुए कि मौजूदा कीमत प्रशासित कीमत है, हम तेल कंपनियों को किसी भी तरह की स्थिति में मुआवजा देंगे.
LPG Price Cut: बेंचमार्क सऊदी कॉन्ट्रैक्ट प्राइस में वृद्धि के बावजूद सरकार ने 2022-23 में घरेलू गैस रीफिल की कीमतें नहीं बढ़ाने के लिए राज्य-संचालित फ्यूल रिटेल विक्रेताओं को 20,000 करोड़ रुपये का एकमुश्त अनुदान दिया था. टीओआई की रिपोर्ट के अनुसार ताजा कीमतों में कटौती के बाद सरकार ने साल के हिसाब-किताब का मिलान करने के बाद उन्हें किसी भी संभावित नुकसान की भरपाई करने का फैसला किया है. एलपीजी की मांग को पूरा करने के लिए भारत काफी हद तक आयात पर निर्भर है.