विधान मंडल के दोनों सदनों में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) द्वारा दिए गए सेक्स ज्ञान का विरोध थमा भी नहीं था कि उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी के बारे में इतनी बातें कह दीं कि बवाल खड़ा हो गया. अब विपक्ष के हाथ महिलाओं के अपमान के साथ-साथ दलित के अपमान का मुद्दा भी है.
विधान परिषद के शीतकालीन सत्र के अंतिम दिन इसकी गूंज खूब सुनाई देने वाली है. भारतीय जनता पार्टी के पार्षद इसे मुद्दा बनाएंगे और फिर सदन की कार्यवाही का चल पाना मुश्किल हो जाएगा! इसका इंतजार सभी को है कि क्या मुख्यमंत्री नीतीश कुमार फिर से मांफी मांगेंगे या अपनी बात पर डटे रहेंगे!
मांझी पुत्र संतोष सुमन ने मंत्री पद छोड़ दिया था
बता दें जिस जीतनराम मांझी को नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने मुख्यमंत्री बनाया अब उन्हीं के बारे में गुरुवार को सदन में कह दिया कि उन्हें मुख्यमंत्री बनाकर उन्होंने गलत किया. नीतीश कुमार ने तुम-ताम की भाषा में उन्हें काफी कुछ कहा. 13 जून को जीतन राम मांझी के पुत्र संतोष मांझी ने यह कहकर नीतीश मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया था कि नीतीश कुमार चाहते हैं कि हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा का विलय जेडीयू में कर दिया जाए, लेकिन हम अपनी पार्टी का विलय करने को तैयार नहीं इसलिए इस्तीफा दे दिया.
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कुछ दिन बाद मांझी की ‘हम’ पार्टी एनडीए की घटक दल बन गई. तब नीतीश कुमार ने आरोप लगाया था कि जीतन राम मांझी भारतीय जनता पार्टी को फायदा पहुंचाने के लिए महागठबंधन के सहयोगियों की जासूसी कर रहे थे, ऐसे में महागठबंधन से उनका बाहर निकलना अच्छी ही बात है. नीतीश कुमार ने यह भी कहा कि मैंने उन्हें अपनी पार्टी हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा का विलय जेडीयू में करने को कहा था, विलय नहीं करने की स्थिति में मंत्री पद छोड़ने को कहा था. संतोष सुमन के इस्तीफे के बाद नीतीश कुमार ने रत्नेश सदा को मंत्री पद की शपथ दिलवाई थी.
दलितों का वोट बैंक 20 फीसदी, चिराग पहले से नीतीश को घेरते रहे हैं अब मांझी भी खूब घेरेंगे
बिहार में जाति गणना के बाद दलितों की आबादी 20 फीसदी सामने आई है. दलितों राजनीति से जुड़े दो बड़े नेता चिराग पासवान और जीतन राम मांझी दोनों ही बीजेपी के नजदीक हैं. चिराग पासवान पहले ही नीतीश कुमार के खिलाफ तेज बयानबाजी करते दिखते हैं. वे बीजेपी के साथ मिलकर पिछले विधान सभा चुनाव में नीतीश कुमार की पार्टी को कई सीटों पर नुकसान पहुंचा चुके हैं.
अब जीतन राम मांझी की पार्टी भी ज्यादा मुखर होगी नीतीश कुमार का विरोध करेगी. जीतन राम मांझी भी खूब वोकल दिखने वाले हैं. ऐसा नहीं है कि नीतीश कुमार की पार्टी में दलित नेता नहीं हैं लेकिन चिराग पासवान और जीतन राम मांझी जैसे कद के दलित नेता नहीं दिखते.
इन विधेयकों का उपस्थापन होगा
– बिहार सचिवालय सेवा (संशोधन) विधेयक 2023 -बिहार माल और सेवा कर (वित्तीय संशोधन) विधेयक, 2023 -बिहार पंचायत राज (संशोधन) विधेयक 2023 – बिहार पदों और सेवाओं की रिक्तियों में आरक्षण (अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों एवं अन्य पिछड़े वर्गों के लिए)संशोधन विधायक 2023 -बिहार (शैक्षणिक संस्थाओं में नामांकन में) आरक्षण संशोधन विधेयक 2023