इस साल ओणम से शुरू फ़ेस्टिव सीजन भाई दूज पर खत्म हो चुका है. भारतीयों ने इस बार फेस्टिव सीजन में कार की खरीदारी (Car Sales) की है. ऑटोमोबाइल उद्योग के मुताबिक फ़ेस्टिव सीजन में औसतन 1 मिनट में 9 कार बेची गई है. इस साल 90 दिन के फेस्टिवल सीजन में भारत में कुल 11.4 लाख कार बिकी हैं. अगर उद्योग जगत के रेवेन्यू की बात करें तो 11.4 लाख कार की बिक्री से ऑटोमोबाइल उद्योग जगत ने 1.3 लाख करोड रुपए का रेवेन्यू अर्न किया है.
ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री का रेवेन्यू
इस साल के त्योहारी सीजन में प्रीमियम और हाई एंड कारों की बिक्री (Car Sales) अधिक हुई है, इसलिए ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री का रेवेन्यू जोरदार रहा है. इस साल के त्योहारी सीजन में स्पोर्ट्स यूटिलिटी व्हीकल का लोगों में जबरदस्त क्रेज रहा है. अगर 90 दिन के त्योहारी सीजन की बात करें तो रोजाना करीब 13000 यूनिट कारों की बिक्री हुई है.
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कोरोना संकट के दौर में कारों के उत्पादन पर असर पड़ने और उसके बाद ग्राहकों की मजबूत मांग की वजह से इस साल फेस्टिव सीजन में कारों की बिक्री का आंकड़ा 11.4 लाख को पार कर गया है.
पिछले साल के त्योहारी सीजन में ऑटोमोबाइल कंपनी ने 85,700 करोड रुपए की कारें बेची थी. पिछले 2 साल से त्योहारी सीजन में भारत में कारों की जमकर बिक्री हो रही है.
भारत की युवा आबादी में नए फीचर और आधुनिक सुविधाओं वाली कार की डिमांड बढ़ रही है. अगर भारत में त्योहारी सीजन में बिकने वाली कारों की औसत कीमत की बात करें तो यह इस साल 11.5 लाख रुपए प्रति कार रही है, पिछले साल यह 10.5 लाख रुपए प्रति कार थी.
अधिकारियों ने यह जानकारी दी
उद्योग जगत के अधिकारियों ने यह जानकारी दी है. ऑटोमोबाइल कंपनियां हालांकि आने वाले समय में कारों की मांग की ग्रोथ रेट में कमजोरी की आशंका से चिंतित हैं. साल 2016 के फेस्टिवल सीजन में 77 दिनों में 7.6 लाख कार बिकी थी जबकि साल 2017 में फेस्टिव सीजन के 66 दिनों में 7 लाख कारें बिकी थी.
साल 2018 में फेस्टिव सीजन 85 दिन का था और इसमें 8.3 लाख कार बिकी थी. साल 2019 के फेस्टिवल सीजन में 74 दिन थे और इस समय 6.8 लाख कारों की बिक्री हुई थी. साल 2020 में फेस्टिव सीजन 92 दिनों का था और इसमें 9.3 लाख कार बिकी थी जबकि साल 2021 में फेस्टिव सीजन 82 दिनों का था और इसमें 7.5 लाख कार बिकी थी.