2014 के बाद एक बार फिर 2024 लोकसभा चुनाव (Uttar Pradesh Lok Sabha) में बसपा को यूपी में एक भी सीट पर जीत हासिल नहीं हो पाई है. इस बार के चुनावों में बसपा ही ऐसी पार्टी रही जिसने सबसे ज्यादा 35 सीटों पर मुस्लिम प्रत्याशी उतारे थे. चुनावी नतीजों के बाद माया ने मुस्लिम समाज से नाराजगी का इजहार किया है.
मुसलमानों से नाराज मायावती
लोकसभा चुनाव नतीजों में बहुजन समाज पार्टी का सूपड़ा साफ हो गया है. उत्तर प्रदेश की 80 सीटों में से एक भी बसपा के पाले में नहीं आई है. रिजल्ट के बाद पहली बार बसपा सुप्रीमो मायावती की प्रतिक्रिया सामने आई है. उन्होंने मुस्लिम मतदाताओं से अपनी नाराजगी जताई है.
माया ने कहा कि पिछले कई चुनावों और इस बार लोकसभा चुनाव में उचित प्रतिनिधित्व देने के बावजूद मुस्लिम समाज बसपा को ठीक से समझ नहीं पा रहा है. अब ऐसी स्थिति में आगे इनको काफी सोच समझकर ही चुनाव में मौका दिया जाएगा ताकि पार्टी को भविष्य में इस बार की तरह भयंकर नुकसान ना हो.
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मायावती ने बुधवार को अपने X हैंडल पर दो पेज का लेटर जारी किया है. इसमें उन्होंने कई मुद्दों पर विचार रखे हैं. मायावती ने इतनी भीषण गर्मी में लोकसभा चुनाव करवाने पर भी सवाल उठाए हैं. उन्होंने लिखा है- ‘बसपा चुनाव आयोग से शुरू से यह मांग करती रही है कि चुनाव बहुत लंबा नहीं खिंचना चाहिए.
यह चुनाव सात चरणों में करीब ढाई महीने लंबा रहा. चुनाव कराते समय आम लोगों के साथ लाखों सरकारी कर्मचारियों और सुरक्षाकर्मियों का ध्यान भी रखना चाहिए. अधिकतम तीन या चरण चरण में चुनाव कराया जाना चाहिए. जनजीवन अस्तव्यस्त होने के कारण चुनाव काफी प्रभावित रहा. गरीब और मेहनतकश लोगों के उत्साह में कमी आ गई. इससे वोट प्रतिशत काफी प्रभावित हुआ है.
बीएसपी ने सबसे ज्यादा 35 मुस्लिमों को दिया था टिकट
गौरतलब है कि इससे पहले 2014 के लोकसभा चुनाव (Uttar Pradesh Lok Sabha) में बसपा को यूपी में शून्य सीटें मिली थीं. 10 साल बाद फिर ये इतिहास ने खुद को दोहराया. बसपा ने सबसे ज्यादा 35 उम्मीदवारों पर दांव लगाया था. बावजूद इसके मुस्लिमों का सारा वोट सपा और कांग्रेस का चला गया. बसपा का मुस्लिम दलित फैक्टर पूरी तरह से नाकाम रहा. यही वजह से चुनाव नतीजे के बाद मायातवी ने मुस्लिम समाज के प्रति अपनी नाराजगी का इजहार किया है.