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Trainee IAS Pooja Khedkar : UPSC ने ट्रेनी IAS पूजा खेडकर की उम्मीदवारी की रद्द, पहचान छुपाकर दी थी परीक्षा

ट्रेनी IAS पूजा खेडकर (Trainee IAS Pooja Khedkar) अब अफसर नहीं रहेंगी. UPSC ने बुधवार 31 जुलाई को उनका सिलेक्शन रद्द कर दिया और कहा कि वह भविष्य में UPSC का कोई एग्जाम नहीं दे पाएंगी. पूजा पर उम्र, माता-पिता की गलत जानकारी, पहचान बदलकर तय सीमा से ज्यादा बार सिविल सर्विसेस का एग्जाम देने का आरोप था.

यूपीएससी ने दस्तावेजों की जांच के बाद पूजा को सीएसई-2022 नियमों के उल्लंघन का दोषी पाया. पूजा (Trainee IAS Pooja Khedkar) को एग्जाम में 2022 में 841वीं रैंक मिली थी. वे 2023 बैच की ट्रेनी IAS हैं. जून 2024 से ट्रेनिंग कर रही थीं.

UPSC ने बताया- पूजा को 2 बार समय दिया, लेकिन उन्होंने जवाब नहीं दिया

लोक सेवा आयोग ने बताया कि पहचान बदलकर तय सीमा से ज्यादा बार सिविल सर्विसेस का एग्जाम देने के लिए 18 जुलाई को कारण बताओ नोटिस (एससीएन) जारी किया गया था. इसमें कहा गया है कि पूजा को 25 जुलाई तक अपना जवाब देना था, लेकिन उन्होंने अपने जवाब के लिए जरूरी दस्तावेज जुटाने के लिए 4 अगस्त तक का समय मांगा. आयोग ने कहा, उन्हें फिर 30 जुलाई को दोपहर 3:30 बजे तक समय दिया, लेकिन उन्होंने जवाब नहीं दिया.

5,000 डेटा की जांच की, यह पता नहीं चला कि पूजा ने कितने अटेम्प्ट्स दिए

खेडकर के केस के चलते UPSC ने 2009 से 2023 तक 15,000 से अधिक रिकमेंड किए गए उम्मीदवारों के डेटा की जांच की. इसमें पाया गया कि उनके अलावा किसी अन्य उम्मीदवार ने CSE नियमों के तहत तय अटेम्प्ट से ज्यादा अटेम्प्ट नहीं दिए थे. मिस पूजा मनोरमा दिलीप खेडकर का मामला एकमात्र था. उन्होंने कई बार न केवल अपना नाम बल्कि अपने माता-पिता का नाम भी बदलकर परीक्षा दी थी, इसलिए UPSC की स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसिजर (SOP) उनके अटेम्प्ट्स की संख्या का पता नहीं लगा सकी. UPSC अपनी SOP को और मजबूत करने की प्रक्रिया में है ताकि भविष्य में ऐसे मामले दोबारा न हों.


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ऐसे उछला पूजा का मामला

पुणे में पूजा ट्रेनी अफसर (Trainee IAS Pooja Khedkar) की ट्रेनिंग ले रही थीं. इस दौरान उन पर सुविधाएं मांगने का आरोप लगा. एक वरिष्ठ अधिकारी के चैंबर पर कब्जा करने की शिकायत भी सामने आई. वे अपनी निजी ऑडी कार में लाल बत्ती और ‘महाराष्ट्र सरकार’ की प्लेट लगवाई. पुणे के डिस्ट्रिक्ट कलेक्टर सुहास दिवासे ने पूजा के खिलाफ शिकायत की थी, जिसके बाद उनका ट्रांसफर वाशिम कर दिया गया था. इसके बाद मामले की जांच की गई तो पता चला कि उन्होंने यूपीएससी में सिलेक्शन पाने के लिए फर्जी दस्तावेजों का भी इस्तेमाल किया था. इसके बाद उनके खिलाफ जांच शुरू हुई तो कई खुलासे हुए.

विकलांग कोटे से UPSC में हुवा सिलेक्शन

पूजा खेडकर (Trainee IAS Pooja Khedkar) ने विकलांगता सर्टिफिकेट में एड्रेस ‘प्लॉट नंबर 53, देहू अलंदी रोड, तलावडे, पिंपरी चिंचवाड़, पुणे’ लिखा गया था. जबकि इस एड्रेस पर कोई घर नहीं, बल्कि थर्मोवर्टा इंजीनियरिंग कंपनी नाम की एक फैक्ट्री है. पूजा की जिस ऑडी को जब्त किया गया था, वह इसी कंपनी के नाम पर रजिस्टर्ड थी.

सरकारी नियमों के तहत विकलांगता सर्टिफिकेट बनाने के लिए आधार कार्ड अनिवार्य है, लेकिन पूजा के सर्टिफिकेट में राशन कार्ड लगाया गया था. विकलांग कोटे से UPSC में सिलेक्शन होने के बाद से पूजा के कई विकलांगता सर्टिफिकेट सामने आ चुके हैं. पूजा खेडकर ने 2018 और 2021 में अहमदनगर डिस्ट्रिक्ट सिविल हॉस्पिटल की ओर से जारी 2 विकलांग सर्टिफिकेट UPSC को सौंपे थे.

UPSC को पूजा ने बताया था वह मानसिक रूप से अक्षम हैं

पूजा (Trainee IAS Pooja Khedkar) ने अपनी विकलांगता सर्टिफिकेट की पुष्टि के लिए दिल्ली में मेडिकल जांच के लिए कई बार अपॉइंटमेंट लिया था, लेकिन बाद में उन्होंने एक प्राइवेट हॉस्पिटल में बनी रिपोर्ट को UPSC में जमा कर दिया. यशवंत राव चह्वाण मेमोरियल (YCM) अस्पताल ने साफ कर दिया है कि पूजा खेडकर का लोकोमीटर सर्टिफिकेट बनाने में कोई गलती नहीं हुई. सर्टिफिकेट में पूजा को 7% लोकोमीटर डिसेबिलिटी बताई गई थी.

अस्पताल को पिंपरी चिंचवाड नगर निगम संचालित करता है. पूजा ने UPSC को दिए एक हलफनामे में दावा किया था कि वह मानसिक रूप से अक्षम हैं और उन्हें देखने में भी दिक्कत होती है. पूजा ने मेडिकल टेस्ट देने से 6 बार मना किया था, जबकि मेडिकल टेस्ट देना जरूरी होता है. कई मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पूजा का पहला मेडिकल टेस्ट दिल्ली AIIMS में अप्रैल 2022 में शेड्यूल हुआ था. उन्होंने कोविड पॉजिटिव होने का हवाला देकर इसमें शामिल होने से मना कर दिया था.

OBC नॉन-क्रीमीलेयर कोटे का फायदा उठाने का भी आरोप

पूजा पर माता-पिता के मैरिटल स्टेटस की जानकारी छिपाकर OBC नॉन-क्रीमीलेयर कोटे का फायदा उठाने का भी आरोप लगा है. पूजा के पिता दिलीप खेडकर रिटायर्ड IAS अधिकारी हैं. उन्होंने चुनाव भी लड़ा था. एफिडेविट में उन्होंने अपनी संपत्ति 40 करोड़ रुपए बताई थी. वही उन्होंने परिवार की संपत्ति 8 लाख से कम बताई थी. पूजा का एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें उन्होंने माता-पिता के तलाक का दावा किया है. उनके पिता अब उनके साथ नहीं रहते, इसलिए वे अब OBC नॉन-क्रीमी लेयर के दायरे में आती हैं. पुणे पुलिस के मुताबिक, UPSC ने पूजा के माता-पिता की मैरिटल स्टेटस रिपोर्ट मांगी है.

पूजा को गिरफ्तारी का डर, अग्रिम जमानत पर फैसला कल

वहीं दिल्ली की एक अदालत धोखाधड़ी और जालसाजी के एक मामले में पूजा (Trainee IAS Pooja Khedkar) की अग्रिम जमानत याचिका पर 1 अगस्त को अपना फैसला सुना सकती है. एडिशनल सेशन जज देवेंद्र कुमार जंगाला ने बुधवार को खेडकर द्वारा दायर आवेदन पर दलीलें सुनने के बाद आदेश सुरक्षित रख लिया.

पूजा ने वकील के माध्यम से दावा किया था कि उन्हें गिरफ्तारी का खतरा है. UPSC की ओर से पेश हुए वकील ने आवेदन का विरोध करते हुए दावा किया कि उन्होंने सिस्टम को धोखा दिया है. पूजा ने कानून और कानूनी प्रक्रिया का दुरुपयोग किया है. उनके द्वारा कानून का दुरुपयोग करने की संभावना अभी भी बनी हुई है. वह एक साधन संपन्न व्यक्ति हैं.

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