बिहार में चल रहे भूमि सर्वेक्षण (Bihar Jamin Survey) को लेकर लोगों के मन में कई तरह के सवाल उठ रहे हैं. खास तौर पर दस्तावेजों को लेकर वे लोग ज्यादा परेशान हैं जो बिहार से बाहर हैं. ऐसे लोगों के लिए जानकारी देते हुए सीओ ने बताया कि किस स्थिति में दस्तावेज देने की जरूरत नहीं है.
जमीन सर्वे (Bihar Jamin Survey) के दौरान कई रैयत जमीन के दस्तावेजों को लेकर परेशान हैं. लेकिन कुछ ऐसे भी लोग हैं जिन्हें दस्तावेज देने की जरूरत नहीं है. इस संबंध में जानकारी देते हुए नवादा में सीओ विकेश कुमार सिंह ने बताया कि जिन लोगों का जमीन पर कब्जा है और जिनकी ऑनलाइन रसीदें कट रही हैं, उन्हें किसी प्रकार के दस्तावेज दिखाने की आवश्यकता नहीं होगी. ऐसे लोग पूरी तरह निश्चिंत रह सकते हैं.
ऑनलाइन रसीद होने पर अतिरिक्त दस्तावेज की जरूरत नहीं
विकेश कुमार सिंह ने बताया कि विशेष सर्वे अमीन को निर्देश दिया गया है कि जिन लोगों के जमीन की ऑनलाइन रसीद कट रही है और उनका उस पर कब्जा है तो उनसे किसी तरह के कागजात मांगने की जरूरत नहीं है. इन भूखंडों का सीमांकन कर सर्वे में रिकार्ड एप पर जो नाम दिखाई देंगे, उन्हीं को दर्ज किया जाएगा. इसके अलावा, यदि आपकी जमीन का ऑनलाइन रसीद मौजूद है, तो आपको अतिरिक्त दस्तावेज दिखाने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी.
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पुश्तैनी संपत्ति के बंटवारे का सही मौका
जिन परिवारों में अभी तक पैतृक संपत्ति के बंटवारे पर सहमति नहीं बन पाई है, वो सर्वे के दौरान आसानी से बंटवारा कर सकते हैं. अगर सभी पक्ष आपसी सहमति से अपनी जमीन का बंटवारा करके शेड्यूल बनाकर हस्ताक्षरित आवेदन सर्वे टीम को देते हैं, तो सर्वे के दौरान ही उस बंटवारे को मान्यता मिल जाएगी और नया खातियान भी उसी हिसाब से तैयार हो जाएगा. मौरूसी या पुश्तैनी संपत्ति के बंटवारे को लेकर लंबे समय से चल रही समस्याएं इस सर्वे के माध्यम से सुलझ सकती हैं.
72 प्रतिशत मामलों में कोई विवाद नहीं
सीओ ने यह भी बताया कि 72 प्रतिशत मामलों में किसी प्रकार का विवाद नहीं है और ऐसे जमीन मालिकों को सर्वे के दौरान कोई परेशानी नहीं होगी. जिन लोगों की जमीन पर कब्जा है और जिनकी रसीदें कट रही हैं, वे भी निश्चिंत रहें. कई लोग अपनी पुश्तैनी जमीन का बंटवारा नहीं कर पाए हैं और आपसी सहमति से जमीन का उपयोग कर रहे हैं. ऐसे लोगों को भी किसी प्रकार की समस्या नहीं आएगी.
बिहार से बाहर रहने वालों के लिए सलाह
जो लोग बिहार से बाहर अन्य राज्यों में बसे हुए हैं, उनके मन में यह आशंका हो सकती है कि कहीं सर्वे के दौरान उनकी जमीन का सही तरह से बंटवारा नहीं हो पाएगा या उनका नाम छूट जाएगा. इस पर सीओ ने कहा कि जो लोग अपनी जमीन की रसीद ऑनलाइन कटवा रहे हैं, उन्हें चिंता करने की जरूरत नहीं है. उनकी जमीन सुरक्षित है और सर्वे में सभी जानकारी अपडेट कर दी जाएगी.