होमताजा खबरACS S Siddhatrh News : क्लास छोड़कर सब्जी लेने गए थे मास्टर...

ACS S Siddhatrh News : क्लास छोड़कर सब्जी लेने गए थे मास्टर साहब, तब तक आ गया ACS सिद्धार्थ का वीडियो कॉल

शिक्षा विभाग के ACS डॉ. एस. सिद्धार्थ (ACS S Siddhatrh ) वीडियो कॉल के जरिए बिहार की स्कूलों की मॉनिटरिंग कर रहे हैं. शनिवार को उन्होंने मधुबनी के एक स्कूल में कॉल किया. टोल सेवक ने वीडियो कॉल पर स्कूल का हाल दिखाया, बच्चे जमीन पर बैठे थे. ACS सिद्धार्थ ने जब मास्टर साहब के बारे में पूछा तो पता चला कि वो क्लास छोड़कर सब्जी लाने गए हैं. ACS ने कहा कि फोन रखते ही स्कूल में निरीक्षण करने लिए अधिकारियों को भेजता हूं.

बाकी टीचर कहां गए

दरअसल, शिक्षा विभाग के ACS रोजाना 10 स्कूलों में रैंडम कॉल कर स्कूलों की मॉनिटरिंग कर रहे हैं. एस. सिद्धार्थ ने मधुबनी के एक स्कूल के टोला सेवक राजबिंद राम को फोन किया तो पता चला कि स्कूल में एक भी शिक्षक नहीं है. बच्चों की क्लास टोला सेवक ले रहे हैं. एस.सिद्धार्थ ने टोला सेवक को क्लास दिखाने के लिए कहा- क्लालरूम में बच्चे जमीन पर बैठे दिखे.

ACS ने फोन को किसी शिक्षक को देने को कहा- जिस पर टोला सेवक ने बताया कि शिक्षक सामान लाने बाजार गए हैं. एस.सिद्धार्थ ने पूछा कि स्कूल में कितने शिक्षक हैं. टोला सेवक ने बताया कि 6. इस पर एस. सिद्धार्थ ने पूछा कि बाकी टीचर कहां गए ? इस पर टोला सेवक घबराते दिखा. ACS ने कहा कि हड़बड़ा क्यों रहे हो, सही सही बताओ कहां गए स्कूल के सारे टीचर? टोला सेवक ने जवाब दिया कि सभी सब्जी लाने गए हैं.


ये भी पढ़ें..

बाकी बच्चे कहां गए ?

एस सिद्धार्थ (ACS S Siddhatrh ) ने टोला सेवक से पूछा कि स्कूल में कितने बच्चे हैं. जवाब मिला 137 बच्चे हैं, लेकिन स्कूल में 2 ही क्लासरूम है. इसके बाद जब ACS ने खुद बच्चों की गिनती करनी शुरू की. तो पता चला की पहले क्लासरूम में 14 बच्चे हैं, तो वहीं दूसरी क्सालरूम में 23 बच्चे हैं। इसके बाद उन्होंने टोला सेवक से पूछा कि आखिर स्कूल में 137 बच्चे हैं, तो बाकी बच्चे कहां गए? वहीं इसके बाद उन्होंने पूछा कि मिड डे मील में क्या बनने वाला है ? टोला सेवक ने बताया कि खिचड़ी बनेगी.

कौन होते हैं टोला सेवक

शिक्षा विभाग ने सरकारी स्कूलों के बच्चों को स्कूल पहुंचाने की जिम्मेदारी टोला सेवक को दी है। टोला सेवक एरिया के गांवों में जाकर यह देखते हैं कि सभी बच्चे स्कूल जा रहे हैं या नहीं। जो बच्चे स्कूल नहीं जाते, वो उन्हें स्कूल तक पहुंचाते हैं। पूरे बिहार में 28 हजार टोला सेवक हैं।

The Bharat
The Bharat
The Bharat एक न्यूज़ एजेंसी है. ईसका उद्देश्य "पक्ष या विपक्ष नहीं बल्कि "निष्पक्ष" रुप से तथ्यों को लिखना तथा अपने पाठकों तक सही व सत्य खबर पहुंचाना है. मीडिया को हृदय की गहराइयों से निष्पक्ष बनाए रखने एवं लोकतंत्र के चौथे स्तंभ के रूप में "The Bharat" एक प्रयास है.
RELATED ARTICLES

कोई जवाब दें

कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें!
कृपया अपना नाम यहाँ दर्ज करें

Latest News