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Lalu Yadav और Nitish की जोड़ी की चर्चा से भाजपा चिंतित, क्या चुनाव से पहले बिहार में सताने लगा 15 वाले ‘खेला’ का डर?

राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के बदले तेवर के बाद बीजेपी के भीतर बौखलाहट बढ़ गई है. हो यह रहा कि राजनीतिक गलियारों में इन दिनों लालू प्रसाद यादव (Lalu Yadav) या फिर तेजस्वी यादव के व्यवहार की चर्चा होने लगी है. राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के उस बयान की चर्चा हो रही है, जिसमें उन्होंने कहा कि हम बीजेपी का रास्ता रोकेंगे. इस ‘हम’ का मतलब राजनीतिक गलियारों में लालू यादव और नीतीश कुमार की जोड़ी से निकाला जा रहा है.

दूसरी तरफ नीतीश कुमार के पुत्र निशांत कुमार का यह कहना कि ‘लालू यादव (Lalu Yadav) हमारे चाचा है’, इसका भी मतलब निकाला जा रहा है. और यह सब तब होने लगा जब गृह मंत्री अमित शाह ने यह कहा कि बिहार में सीएम पद का चयन संसदीय बोर्ड की ओर से होगा. मगर पिछले कुछ दिनों से बीजेपी बैक फुट पर है. आइए जानते हैं- बैकफुट पर आई बीजेपी का बयान क्यों यू टर्न ले चुका है?

सीएम तो नीतीश कुमार ही होंगे

2025 में नीतीश कुमार सीएम बनेंगे या नहीं, इस संशय को दूर करने बीजेपी के नेता दो कदम आगे चलने लगे हैं. बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता संजय मयूख ने साफ कहा कि बिहार में इसी साल होने वाले विधानसभा चुनाव में नीतीश कुमार ही एनडीए का चेहरा होंगे. अगर एनडीए चुनाव जीत जाता है तो नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ही मुख्यमंत्री होंगे. इसमें कोई लेकिन-परन्तु नहीं है, नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ही मुख्यमंत्री होंगे.

इसी क्रम में एमएलसी संजय मयूख ने तेजस्वी यादव पर भी निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि ‘असल बात यह है कि लालु यादव (Lalu Yadav) मौका तो मिला था, बल्कि उनके पूरे खानदार को मौका मिला था, लेकिन बिहार के विकास को सीधे तौर पर उनलोगों रोक दिया था. उनका मानना था कि विकास से वोट नहीं मिलता है. लेकिन हम लोगों ने इसे साबित किया है. नीतीश कुमार ने यह साबित किया है कि विकास से ही वोट मिलता है.’


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डॉ. दिलीप जायसवाल ने भी लिया यू-टर्न

हालांकि प्रदेश बीजेपी के अध्यक्ष दिलीप जायसवाल के यह कहने पर कि अगला सीएम पार्लियामेंट्री बोर्ड तय करेगा, राजनीतिक जगत में भूचाल आ गया. लेकिन जब जेडीयू की चुप्पी गहराई तो बीजेपी को बैकफुट पर आना पड़ा. और तब यू-टर्न लेते डॉ. दिलीप जायसवाल ने संसदीय बोर्ड से सीएम कैंडिडेट तय करने वाली बात पर सफाई देते हुए कहा कि उन्होंने यह बात सिर्फ प्रक्रिया के बारे में की थी.

बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष ने स्पष्ट किया कि आगामी बिहार चुनाव में एनडीए का स्लोगन भी ‘2025, फिर से नीतीश’ है. ज्ञात हो कि अगले सीएम को लेकर सबसे पहले अमित शाह ने कहा था कि यह तो पार्लियामेंट्री बोर्ड तय करेगा.

नीतीश-लालू में दूरी बनाए रखना एनडीए के लिए जरूरी: सुनिल प्रियदर्शी

राजनीतिक विश्लेषक सुनिल प्रियदर्शी का मानना है कि अगर अभी भी लालू-नीतीश की जोड़ी बन जाएगी तो बीजेपी के लिए चुनावी रण आसान नहीं होगा. यही वजह भी है कि बीजेपी को जब एहसास हुआ कि राजद और जदयू को साथ लाने की कोशिश हो रही है तो बीजेपी के नेताओं ने यू टर्न लिया और अचानक से सुर बदल लिया.

पहले प्रदेश अध्यक्ष डॉ. दिलीप जायसवाल ने कहा कि आगामी चुनाव में एनडीए का चेहरा नीतीश कुमार ही होंगे और सीएम भी नीतीश जी होंगे. वही राष्ट्रीय प्रवक्ता संजय मयूख ने भी खुल कर कहा कि हमारे सीएम नीतीश कुमार ही होंगे.

दरअसल, बीजेपी नीतीश कुमार को छोड़ कर महागठबंधन का सामना नहीं कर सकती है. बीजेपी को तब राजद का ‘MY’ समीकरण के साथ-साथ नीतीश के ‘लव-कुश’ समीकरण से सामना करना पड़ेगा. तब कमोवेश 2025 का चुनाव वर्ष 2015 जैसा हो सकता है. ऐसे में बीजेपी नीतीश कुमार को राजद की ओर जाने से रोकने का हरदम प्रयास करेगी. और यही कार्य डॉ दिलीप जायसवाल और संजय मयूख कर रहे हैं.

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