मजबूत वैश्विक रुख के बीच बुधवार को सोने की कीमत (Gold Price) चार दिन की गिरावट के सिलसिले को तोड़ते हुए 235 रुपये की तेजी के साथ 90,685 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गई. अखिल भारतीय सर्राफा संघ ने यह जानकारी दी. मंगलवार को 99.9 प्रतिशत शुद्धता वाली पीली धातु 90,450 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुई थी. 99.5 प्रतिशत शुद्धता वाले सोने का भाव 235 रुपए बढ़कर 90,235 रुपए प्रति 10 ग्राम हो गया, जबकि पहले इसका भाव 90,000 रुपए प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ था.
व्यापारियों ने कहा कि हाल ही में हुए नुकसान के बाद खुदरा विक्रेताओं की ताजा खरीदारी से सोने की कीमतों (Gold Price) में सुधार हुआ. उन्होंने कहा कि मजबूत वैश्विक रुझानों ने भी धारणा को प्रभावित किया. चांदी की कीमत भी 1,500 रुपये बढ़कर 1,01,500 रुपये प्रति किलोग्राम हो गई. मंगलवार को चांदी की कीमत 1,00,000 रुपये प्रति किलोग्राम पर बंद हुई थी.
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सोने में आई मामूली तेजी
इस बीच, वैश्विक बाजारों में हाजिर सोना 0.16 प्रतिशत बढ़कर 3,024.96 डॉलर प्रति औंस पर पहुंच गया. इसके अलावा, एशियाई बाजार में अप्रैल डिलीवरी के लिए कॉमेक्स सोना वायदा 3,059.10 डॉलर प्रति औंस पर बोला गया. जानकारों के अनुसार सुरक्षित निवेश की मांग और स्वर्ण-आधारित एक्सचेंज ट्रेडेड फंड्स (ईटीएफ) से मजबूत प्रवाह के कारण बुधवार को सोने में मामूली तेजी आई.
एचडीएफसी सिक्योरिटीज के कमोडिटीज के वरिष्ठ विश्लेषक सौमिल गांधी ने कहा, “अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के 2 अप्रैल को पारस्परिक टैरिफ निर्णय को लेकर अनिश्चितता सुरक्षित धातु सोने को समर्थन देने वाला एक महत्वपूर्ण कारक प्रतीत होता है.”
रिसर्चर के अनुसार सोने के भाव में तेजी का अनुमान
एलकेपी सिक्योरिटीज के वाइस प्रेसिडेंट रिसर्च एनालिस्ट- कमोडिटी एवं करेंसी, जतीन त्रिवेदी ने कहा कि बाजार सहभागी अमेरिकी जीडीपी और कोर पर्सनल कंजम्पशन एक्सपेंडिचर (पीसीई) मूल्य सूचकांक सहित प्रमुख समष्टि आर्थिक आंकड़ों की प्रतीक्षा कर रहे हैं, जो इस सप्ताह के अंत में जारी होने वाले हैं. त्रिवेदी ने कहा, “व्यापक प्रवृत्ति रूस-यूक्रेन की स्थिति के घटनाक्रम से भी प्रभावित होगी, जो सुरक्षित निवेश की मांग को बढ़ावा देती रहेगी.”
कोटक सिक्योरिटीज की एवीपी-कमोडिटी रिसर्च, कायनात चैनवाला के अनुसार, निवेशक ब्याज दरों की दिशा और बुलियन कीमतों के लिए भविष्य की कार्रवाई के बारे में आगे के मार्गदर्शन के लिए फेडरल ओपन मार्केट कमेटी (एफओएमसी) के सदस्यों पर भी बारीकी से नजर रखेंगे.