बिहार एनडीए (NDA) में सीट बंटवारे को लेकर खींचतान जारी है. उपेंद्र कुशवाहा (Upendra Kushwaha) ने भाजपा (BJP) नेताओं को आगाह किया है कि लोकसभा चुनाव में हुई गलतियों को दोहराया गया तो विधानसभा चुनाव में भी नुकसान होगा. रालोमो 25 सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी में है, लेकिन कुशवाहा का ध्यान संख्या से ज्यादा स्ट्राइक रेट पर है.
क्या कहा उपेंद्र कुशवाहा ने?
राष्ट्रीय लोक मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद उपेंद्र कुशवाहा (Upendra Kushwaha) इन दिनों भाजपा नेताओं को उन गद्दारों के प्रति सचेत करने का अभियान शुरू कर दिया है. बगहा के एक कार्यक्रम में उन्होंने खुल कर कहा कि लोकसभा 2024 चुनाव जैसी वोट बंटवारा वाली स्थिति रही तो बिहार विधानसभा चुनाव में भी वोट बंटवारे का नुकसान एनडीए को झेलना पड़ेगा.
उपेंद्र कुशवाहा (Upendra Kushwaha) ने आरोप लगाया कि पिछले साल हुए आम चुनाव के दौरान बीजेपी के कुछ नेताओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के आदेशों का उल्लंघन किया था. इससे विपक्ष को हथियार मिल गया और इस वजह से बिहार में एनडीए को 4-5 सीटों पर हार का सामना करना पड़ा. इल्ज़ाम भी लगाया कि बीजेपी के कुछ नेताओं ने ही भीतरघात कर शाहाबाद के क्षेत्र का माहौल खराब कर दिया. अगर फिर से वही रवैया रहा तो विधानसभा में नुकसान होगा.
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निशाना कहां पर है?
राष्ट्रीय लोक मोर्चा (Rashtriya Lok Morcha) के भीतर खाने की माने तो वर्ष 2015 के विधान सभा में रालोसपा को कुल 23 सीटें मिली थी. और तब का प्रदर्शन काफी खराब रहा. मात्र दो सीटों पर जीत हासिल हुई और 21 सीटों पर हार मिली. राष्ट्रीय लोक मोर्चा वर्ष 2015 लोकसभा के तर्ज पर चुनाव लड़ना नहीं चाहती है. पार्टी के रणनीतिकारों का मानना है कि राष्ट्रीय लोक मोर्चा को विधान सभा में वह सीटें मिले जहां पार्टी का आधार मजबूत है. केवल हारने किए सीटों को लेने के प्रति ना है. पार्टी अपने स्तर पर बताएगी कि हमारी पकड़, हमारा जनाधार किस किस विधान सभा में है. उन सीटों को ध्यान में रख कर रालोमो को टिकट दिया जायेगा तो सफलता का प्रतिशत भी बढ़ेगा.
25 सीटों की चाहत है
वैसी अधिकृत रूप से कुछ भी बयान नहीं आया है. परन्तु पार्टी के भीतर रालोमो के राष्ट्रीय प्रवक्ता फजल इमाम मल्लिक ने एक नारा दिया है कि 2025 रालोमो कम से कम पच्चीस. और इस नारे को ध्वनिमत से स्वीकार भी किया गया. लेकिन सूत्र बताते हैं कि राष्ट्रीय लोक मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा नंबर के प्रति कम बल्कि स्ट्राइक रेट के प्रति काफी चिंतित हैं. संख्या की जिम्मेदारी पीएम नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और प्रदेश अध्यक्ष जेपी नड्डा पर छोड़ चुके हैं. वैसे एनडीए को अधिक से अधिक सफलता कैसे मिले उस पर समग्रता से काम जरूर कर रहे हैं.
उपेन्द्र कुशवाहा (Upendra Kushwaha) का 14 सूत्रीय प्रस्ताव
- उच्चतर न्यायालय में कॉलेजियम प्रणाली की समाप्ति
- शिक्षा में सुधार
- जातीय जनगणना
- जनसंख्या के आधार पर परिसीमन
- पटना का नाम पाटलिपुत्र
- सावित्री बाई फूले की जयंती पर महिला शिक्षक दिवस का आयोजन
- सम्राट अशोक की जयंती पर बिहार की तरह पूरे देश में अवकाश
- बिहटा हवाई अड्डे का नाम जननायक कर्पूरी ठाकुर के नाम पर करना
- बिहार में किसानों और युवाओं के हितों में कृषि उत्पादन पर आधारित उद्योगों की स्थापना (पलायन समस्या रुकेगी, रोजगार सृजन होगा)
- बिहार में पर्यटन क्षेत्र को विकसित कर रोजगार सृजित करने का काम
- बोधगया के मंदिर अधिनियम में संशोधन करना
- सीतामढ़ी में निर्माण हो रहे मेडिकल कॉलेज का नाम अमर शहीद रामफल मंडल के नाम पर करना
- स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड की ऋण राति 10 लाख करना
- बिहार में डोमिसाइल नीति लागू करना