उत्तराखंड में एक बार फिर प्राकृति ने भयानक रूप ले लिया है. चमोली जिले के रैनी में रविवार की सुबह ग्लेशियर टूट (Uttarakhand Trasadi) गया. बताया जा रहा है कि ग्लेशियर टूटने से धौली नदी में बाढ़ आ गई है. इससे चमोली से लेकर हरिद्वार तक खतरा बढ़ने की आशंका है. सूचना मिलते ही प्रशासन की टीम मौके के लिए रवाना हो गई है.
अभी कोई आधिकारिक आंकड़ा सामने
इधर, उत्तराखंड के मुख्य सचिव के अनुसार चमोली जिले में ग्लेशियर टूटने के बाद इस दर्दनाक हादसे में 100 से 150 लोगों के बहने की आशंका है. हालांकि अभी कोई आधिकारिक आंकड़ा सामने नहीं आया है. इधर,घटना के बाद से चमोली जिले के नदी किनारे की बस्तियों को पुलिस लाउडस्पीकर से अलर्ट कर रही है. वहीं कर्णप्रयाग में अलकनंदा नदी किनारे बसे लोग मकान खाली करने में जुटे हैं.
हालांकि इस घटना पर गृह मंत्री अमित शाह ने भी ट्विटर पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की है.
उत्तराखंड में प्राकृतिक आपदा की सूचना के सम्बंध में मैंने मुख्यमंत्री @tsrawatbjp जी, DG ITBP व DG NDRF से बात की है। सभी सम्बंधित अधिकारी लोगों को सुरक्षित करने में युद्धस्तर पर काम कर रहे हैं। NDRF की टीमें बचाव कार्य के लिए निकल गयी हैं। देवभूमि को हर सम्भव मदद दी जाएगी।
— Amit Shah (@AmitShah) February 7, 2021
ऋषिकेश तथा हरिद्वार में 6 गौरतलब है कि जोशीमठ से आगे नीति मार्ग पर निजी कंपनी का ऋषिगंगा नदी पर पावर प्रोजेक्ट है, यहां करीब 24 मेगावाट बिजली का उत्पादन होता है. बताया जा रहा है कि पहाड़ी से ग्लेशियर का एक हिस्सा टूटकर इस डैम पर गिरा. इससे डैम का एक हिस्सा क्षतिग्रस्त होने से डैम का पानी तेजी से अलकनंदा नदी में जाने लगा है.
अलकनंदा नदी का प्रवाह बढ़ने से केंद्रीय जल आयोग ने अपनी सभी चौकियों पर अलर्ट जारी किया है. से 7 घंटे के भीतर इस पानी के पहुंचने का अनुमान लगाया जा रहा है. उत्तराखंड ग्लेशियर (Uttarakhand Trasadi) के टूटने से बांध क्षतिग्रस्त हो गया, जिससे धोली नद में बाढ़ आ गई है. तपोवन बैराज पूरी तरह से ध्वस्त हो गया है. घटना के बाद से कई लोग लापता बताए जा रहे हैं. चमोली से हरिद्वार तक खतरा बढ़ने से अलर्ट जारी हो गया है. पुलिस व एसडीआरएफ की टीमें नदी किनारे की बस्तियों को लाउडस्पीकर से अलर्ट करने के साथ ही खाली कराने में जुट गई है.
सभी अधिकारियों की आपात बैठक
ऋषिकेश में भी गंगा नदी से बोट राफ्टिंग संचालकों को हटाया जा रहा है. चमोली के जिला प्रशसान के अनुसार ग्लेशियर फटने से काफी नुकसान की सूचना आ रही है. पुलिस और एसडीआरएफ की टीम मौके पर रवाना हो चुकी हैं. मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने सचिव आपदा प्रबंधन और डीएम चमोली से पल-पल की जानकारी ले रहे हैं. मुख्यमंत्री घटनास्थल का हवाई सर्वेक्षण करने के साथ ही चमोली जिले के सभी अधिकारियों की आपात बैठक बुला सकते हैं.