mutual support: भारत और डेनमार्क ने आपसी सहयोग बढ़ाने के चार समझौतों पर आज हस्ताक्षर किया. ये समझौते परम्परागत ज्ञान डिजिटल पुस्तकालय, उद्यमशीलता, कौशल विकास तथा संभाव्य उपयोगों के साथ उष्णकटिबंधीय जलवायु के लिए प्राकृतिक प्रशीतक के लिए उत्कृष्टता केंद्र की स्थापना और भूजल संसाधनों और जल निकायों का मानचित्रण के बारे में हैं.
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इससे पहले, डेनमार्क की प्रधानमंत्री मेट्टी फ्रेडेरिक्सन और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज नई दिल्ली में द्विपक्षीय वार्ता की. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वार्ता के बाद जारी बयान में कहा कि भारत और डेनमार्क ने महामारी के दौरान भी सहयोग जारी रखा था.
उन्होंने कहा कि एक वर्ष पहले हुए वर्चुअल समिट में दोनों देशों ने हरित कार्यनीतिक साझेदारी का ऐतिहासिक फैसला लिया था. उन्होंने कहा कि दोनों देश खाद्य सुरक्षा, शीतभंडारण व्यवस्था, खाद्य प्रसंस्करण, उर्वरक, मछली पालन जैसे क्षेत्रों में सहयोग करेंगे.
पीएम मोदी ने ये भी कहा कि
पीएम मोदी ने ये भी कहा कि दोनों देशों ने स्वास्थ्य क्षेत्रों में नई भागी दारी शुरू की है. उन्हों ने बताया कि कृषि तकनीक के क्षेत्र में सह योग बढ़ाने का भी फैसला किया गया है ताकि कृषि उत्पा दकता में वृद्धि करके किसानों की आय बढ़ाई जा सके. श्री मोदी ने कहा कि भारत और डेन मार्क स्मार्ट जल संसाधन प्रबंधन और कुशल आपूर्ति श्रृंखला में भी तालमेल रखेंगे.
उन् होंने कहा कि यह प्रसन् नता की बात है कि डेन मार्क के अंत र्राष् ट्रीय सौर एलायंस का सदस्य बन जाने से दोनों देशों की साझे दारी को नई दिशा मिली है. पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि बैठक में, इस भागी दारी में हुई प्रगति की न केवल समीक्षा की गई बल्कि निकट भविष्य में जलवायु परि वर्तन के बारे में सहयोग बढ़ाने की प्रति बद्धता भी दोहराई गई.
उन्होंने विभिन्न अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर भारत का मजबूती से समर्थन करने के लिए डेन मार्क के प्रति आभार जताया. श्री मोदी ने आगामी भारत-उत्तरी यूरोपीय देशों के शिखर सम्मे लन की मेजबानी करने और उन्हें आमं त्रित करने के लिए डेन मार्क का आभार भी व्य क्त किया.