द भारत: बिहार से गुजरने वाले राज्य के पहले बनारस-कोलकाता ग्रीनफील्ड 6 लेन हाइवे का काम एजेंसियों को आवंटित हो गया है. बिहार में प्रस्तावित कुछ एक्सप्रेस-वे में से पहले महत्वपूर्ण इकोनोमिक कॉरिडोर के निर्माण की सारी प्रक्रियाएं पूरी हो जाने के बाद अब निर्माण शुरू होगा.
यह बनते ही दिल्ली-कोलकाता सबसे हेवी ट्रैफिक वाले राजमार्ग (पुराने जीटी रोड) से यातायात दबाव कम होगा. दरअसल बनारस से कोलकाता की कुल 575 किलोमीटर लंबाई वाले इस ग्रीनफील्ड 6 लेन हाइवे में बिहार में 185 किलोमीटर बनना है.
राज्य के चार जिले कैमूर, रोहतास, औरंगाबाद और गया के पिछड़े इलाकों में तेज गति वाली कनेक्टिविटी उपलब्ध होगा तो उन क्षेत्रों मे विकास में मदद मिलेगी. एनएचएआई ने बिहार के 185 किलोमीटर ग्रीनफील्ड 6 लेन हाइवे को 7 पैकेज में बांट कर निर्माण का निर्णय किया है.
वहीं बचे दो पैकेज कैमूर अभ्यारण्य में टनल (पैकेज-4, लंबाई-15.3 किलोमीटर, लागत-1134 करोड़) और सोन नदी पर 6 लेन पुल (पैकेज-5, लंबाई-10.7 किलोमीटर, लागत-1592 करोड़) का अभी टेंडर ही नही हुआ है.
बिहार की 4 जिलों समेत 4 राज्यों की 15 जिलों से यह ग्रीनफील्ड 6 लेन हाइवे गुजर रहा है. बिहार के 4 जिले कैमूर, रोहतास, औरंगाबाद और गया के साथ ही उत्तरप्रदेश के 2 जिले बनारस और चंदौली, झारखंड के 4 जिले चतरा, हजारीबाग, रामगढ़ और बोकारो तथा पश्चिम बंगाल के 5 जिले पुरुलिया, बांकुरा, पश्चिम मेदनीपुर, हुगली और हावड़ा जिले में ग्रीनफील्ड 6 लेन हाइवे बनेगा.