द भारत: बिहार में हो रही जातीय गणना पर गुरुवार को पटना हाईकोर्ट ने रोक लगा दी. चीफ जस्टिस विनोद चंद्रन की बेंच ने आदेश दिया है कि गणना तत्काल रोकी जाए. इससे पहले हाईकोर्ट में मामले को लेकर 2 दिन सुनवाई हुई थी. इसके बाद अदालत ने फैसला सुरक्षित रख लिया था.
हाईकोर्ट ने कहा कि अबतक जो डाटा कलेक्ट हुआ है, उसे नष्ट नहीं किया जाए। मामले पर अगली सुनवाई 3 जुलाई को होगी.
इधर, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है कि जाति आधारित गणना सर्वसम्मति से कराई जा रही है. हम लोगों ने केंद्र से इसकी अनुमति ली है. हम पहले चाहते थे कि पूरे देश में जाति आधारित जनगणना हो, लेकिन जब केंद्र सरकार नहीं मानी तो हम लोगों ने जाति आधारित गणना सह आर्थिक सर्वे कराने का फैसला लिया.
जानकार बताते हैं कि सरकार एक वेलफेयर संस्था होती है. कैबिनेट से पूरी गणना पर 500 करोड़ खर्च करने की मुहर लगी है, लेकिन इसे कानूनी रूप नहीं दिया गया है. दरअसल, 24 अप्रैल को ये मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा था. सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता को पटना हाईकोर्ट जाने को कहा था. इसके बाद 2 और 3 मई को हाईकोर्ट में इस मामले में सुनवाई हुई थी.