Caste Census In Bihar: बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने जातीय गणना को लेकर शुक्रवार को बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि जातीय गणना का काम पूरा हो चुका है. जातीय गणना के बाद राज्य सरकार हैसियत के अनुसार सहयोग भी करेगी. मुख्यमंत्री ने कहा कि ये निजी कार्यक्रम नहीं था, सभी पार्टियों की बैठक में तय हुआ था. सभी दल इसके सपोर्ट में हैं.
किसी भी जाति-धर्म के लोगों की आर्थिक स्थिति को जानना जरूरी है. सर्वे का काम पूरा हो चुका है. सर्वे का आंकड़ा तैयार किया जा रहा है. इसे जल्द जारी किया जाएगा. सुप्रीम कोर्ट ने भी रोका नहीं है. सिर्फ संख्या की घोषणा नहीं होगी. इसके अलावा सारी जानकारी होगी. सॉलिसिटर जनरल की ओर से सुप्रीम कोर्ट में अपना पक्ष रखे जाने का कोई मतलब नहीं है.
वहीं महागठबंधन में कई राज्यों को मिलाकर संयोजक बनाए जाने के लालू के बयान पर कहा कि अगली बैठक 1 सितंबर को होगी जहां हमलोग मिल बैठकर सब तय कर लेंगे. सीएम-डिप्टी सीएम, पूर्व सीएम, बीपी मंडल के जंयती पर श्रद्धांजलि देने पहुंचे थे. जहां मीडिया से बात करते हुए ये बातें कही.
राज्यपाल से कोई विवाद नहीं
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शिक्षक बहाली को लेकर कहा है कि शिक्षक बहाली बहुत अच्छे से हो रहा है. सभी के हित में काम हो रहा है. वहीं कुलपति की नियुक्ति को लेकर राज्यपाल से टकराव पर उन्होंने कहा कि राज्यपाल से भी हमारी बात हुई है. कहीं कोई विवाद नहीं है. विश्वविद्यालय में जो भी सीट खाली हुई है. उस पर बहाली होगी.
विपक्षी एकता पर क्या बोले सीएम
Caste Census In Bihar: विपक्षी एकता का जिक्र करते हुए सीएम ने कहा कि महागठबंधन फूंक-फूंक कर चल रही. कोई भी जानकारी मीडिया में साझा करना नहीं चाहती. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बताया कि मुंबई की बैठक में हम लोग 31 तारीख को जाएंगे. एक सितम्बर को बैठक होगी. उन्होंने बैठक की बात बाहर कुछ कहने से इनकार किया. सीएम नीतीश ने कहा कि यह ठीक नहीं हैं. उन्होंने बताया कि पटना में भी बैठक हुई. हम चाहते हैं कि सब एकजुट हों. दूसरी बैठक बेंगलुरु में हुई. अब तीसरी की बारी है.
केंद्र अड़ंगा लगा रही- विजय चौधरी
- जातीय गणना को लेकर एक सवाल के जवाब में वित्त मंत्री विजय चौधरी ने कहा है कि जातीय गणना डेटा जारी किया जाएगा.
- आरक्षण के दायरे में बदलाव के लिए केंद्र सरकार पर दवाब बढ़ सकता है. अन्य राज्यों और देश स्तर पर जातिगत गणना की मांग उठी है.
- उन्होंने कहा है कि जातीय गणना की सुनवाई में सॉलिसिटर जनरल का आना शंका पैदा कर रहा है. क्या बीजेपी ने साजिश के तहत जाति आधारित गणना पर सहमति दी थी.
- सॉलिसिटर जनरल के कारण सुनवाई एक हफ्ते टल गई. केंद्र किसी न किसी रूप में अड़ंगा डालना चाहती है.