Bihar News: बिहार में सरकारी छुट्टी विवाद के बीच नीतीश कैबिनेट ने अगले साल के लिए 56 छुटि्टयां स्वीकृत की है। कैबिनेट ने अवकाश कैलेंडर 2024 की मंजूरी दी है। वहीं, सीतामढ़ी के पुनौराधाम में सीता मंदिर और गया में धर्मशाला का निर्माण कराया जाएगा।
मंदिर के लिए 72 करोड़ रुपए की स्वीकृति दी गई है। कैबिनेट का सीता मंदिर बनाने का यह फैसला BJP के राम मंदिर की एक तरह से काट है। मंगलवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक हुई। इसमें कुल 32 एजेंडों पर मुहर लगी है।
वहीं कैबिनेट के फैसले के बाद जीविका का दायरा बढ़ा गया है। अब जीविका गांव से उठकर शहर तक पहुंचेगी। शहरी गरीबों के लिए सामाजिक जागरूकता, संस्थागत विकास और जीविकोपार्जन योजना का क्रियान्वयन होगा। सभी नगर निकाय में जीविका समूह बनाए जाएंगे।
जीविका दीदियों के कंधे पर SC/ST आवासीय विद्यालय की जिम्मेदारी दी गई है। छात्र और छात्राओं का भोजन, ब्रेक फास्ट, ड्रेस सप्लाई, साफ सफाई और कपड़ों की धुलाई जीविका दीदी करेंगी।
अवकाश कैलेंडर 2024 की भी मंजूरी
Bihar News: छुट्टी विवाद के बीच बिहार सरकार के अवकाश कैलेंडर 2024 की मंजूरी दी गई है। वर्ष 2024 के लिए बिहार सरकार के ऑफिस में छुट्टी और निगोसियेवल इंस्ट्रूमेंट्स एक्ट के तहत बिहार राज्य के अवकाश की घोषणा की गई है।
बिहार सरकार के कैलेंडर 2024 में कुल 56 दिन छुट्टी रहेगी। कुल छुट्टी में से 6 छुट्टियां बर्बाद होगी। रविवार की वजह से छुट्टी का नुकसान हुआ है। कैलेंडर 2024 में बिहार राजस्व दंडाधिकारी न्यायालय के तहत 15 दिन, ऐच्छिक छुट्टी 20 दिन और एनआईए के तहत कुल 21 दिनों की छुट्टी रहेगी।
पटना यूनिवर्सिटी में विज्ञान ब्लॉक बनेगा
पटना विश्विद्यालय को शिक्षक दिवस का बड़ा तोहफा मिला है। विश्विद्यालय में विज्ञान ब्लॉक बनेगा। जी पल्स 7 मंजिला यह ब्लॉक होगा। नए गर्ल होस्टल बनेंगे। यह दो ब्लॉक में होगा। हॉस्टल जी प्लस 9 मंजिला होगा, जबकि स्टाफ के लिए जी प्लस 3 मंजिला बिल्डिंग बनेगा।
इधर, बिहार सरकार वफ्फ बोर्ड की जमीन को विकसित करेगी। पटना के गुलजारबाग की वफ्फ बोर्ड की जमीन पर जी प्लस 5 मल्टी पर्पस बिल्डिंग बनेगी। भवन निर्माण निगम यह बिल्डिंग बनाएगा। कुल 39 करोड़ रुपए खर्च होंगे।
गया में धर्मशाला बनेगा
वहीं सीएम नीतीश गया धाम को विकसित करेंगे। यहां धर्मशाला का निर्माण होगा। कुल 120 करोड़ रुपए खर्च होंगे। गया धाम निर्माण पर कैबिनेट ने मुहर लगाई है। बिहार वित्त नियमावली 2005 में संशोधन कर यह जिम्मेदारी सौंपी गई है।