मोबाइल नंबर (MNP Rules) पोर्टेबल करना पहले बहुत आसान था. लेकिन अब दूरसंचार नियामक ट्राई ने मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी के नियमों में बदलाव किया है. यह बदलाव लगातार हो रही धोखाधड़ी के बाद लिया गया है. सिम कार्ड स्वैपिंग के जरिये होने वाली धोखाधड़ी के मामले में तेजी से वृद्धि हुई है. अब दूरसंचार नियामक ट्राई ने मोबाइल पोर्ट करने के नियम को बहुत सख्त कर दिया.
25 अक्टूबर तक मांगे सुझाव
दूरसंचार नियामक ट्राई ने नया सिम कार्ड लेने और मोबाइल ऑपरेटर की तरफ से सिम कार्ड बदलने के नियमों (MNP Rules) में बदलाव किया जाएगा. जिसके लिए ट्राई ने मोबाइल कंपनियों और उनके ग्राहकों से सुझाव मांगे हैं. ग्राहक और कंपनियां 25 अक्टूबर तक अपने सुझाव दे सकते हैं. टेलीकॉम मिनिस्ट्री की ओर से सिम कार्ड स्वैपिंग के मामलों को गंभीरता से लिया जा रहा है. जिसके लिए बनाए जा रहे नए नियमों को सख्ती से लागू किया जाएगा.
बरतनी होगी ज्यादा सावधानी
नंबर पोर्टिंग ऑपरेटर और टेलिकॉम कंपनियों के साथ ट्राई ने बैठक की. उसके बाद आये आदेश पर मंत्रालय द्वारा विचार-विमर्श किया जा रहा है. जिसमें अब सिम कार्ड को पोर्ट कराने के लिए या पुराने नंबर पर ही नया सिम जारी करना है तो इस मामले में टेलिकॉम कंपनियों को ज्यादा नजर रखनी होगी. साथ ही यह भी जांच करनी होगी कि पोर्ट कराने के लिए जो आवेदन आया है वह कब आया है.
रोकी जा सकती है पोर्ट की रिक्वेस्ट
जांच में यदि कोई भी गड़बड़ी पाई जाती है तो टेलीकॉम ऑपरेटर सिम पोर्ट करने का आवेदन खारिज भी कर सकते हैं. इसके साथ ही नंबर पोर्ट कराने वाले ग्राहकों की सारी जानकारी पोर्टिंग ऑपरेटर के साथ भी साझा करनी जरूरी होगी
क्यों बनाएं जा रहे सख्त नियम
पिछले कुछ समय से सिम कार्ड स्वैपिंग के माध्यम से धोखाधड़ी के मामले तेजी से बढ़ें हैं. ऐसे लोग किसी व्यक्ति के सिम कार्ड को नकली सिम में बदल देते हैं. जिसके बाद उसी नंबर का दूसरा सिम इश्यु करवाकर उसका इस्तेमाल करते हैं. उसी नंबर से लोगों के बैंक खाते की डिटेल, आधार कार्ड जैसी जरुरी चीजें लिंक होने के कारण जालसाजी के मामले बढ़ते हैं.