New Car: त्योहारी सीजन शुरू होने को है. यह वह समय है जह भारत में सबसे ज्यादा गाड़ियां खरीदी जाती हैं. अगर आप भी एक नई कार खरीदने की योजना बना रहे हैं तो यह खबर आपके काम की हो सकती है. भारत में कार खरीदना एक खास प्रक्रिया है. खास तौर पर ‘प्रक्रिया’ शब्द का इस्तेमाल यह बताने के लिए किया है कि एक नई कार घर लाने में बहुत सारा समय और प्रयास और एक बड़ी रकम खर्च होती है. इस प्रक्रिया में कई चरण शामिल होते हैं और कई मौकों पर, खरीदार इस फैसले को बिना किसी उचित जानकारी के लिए लेने पर मजबूर रहते हैं. यहां हम आपको ऐसी पांच अहम बातें बता रहे हैं जो कार खरीदने के दौरान जिनका ध्यान रखा जाना चाहिए.
आपको किस तरह की कार की जरूरत है
सबसे पहले और सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि आप यह तय करें कि आपको किस तरह की कार (New Car) की जरूरत है. यह आपके बजट, परिवार के आकार, ड्राइविंग की आदतों जैसी कई चीजों पर आधारित होना चाहिए. तय करें कि आपको हैचबैक (ऑल्टो, वैगनआर, टियागो, ग्रैंड आई10 निओस, स्विफ्ट, अल्ट्रोज, आई20 और बलेनो या अन्य कार), सेडान (डिजायर, ऑरा, अमेज, सिटी, वर्ना, सियाज या अन्य कार), एसयूवी (पंच, एक्सटर, ब्रेजा, नेक्सन, वेन्यू, एलिवेट, क्रेटा, सेल्टोस, ग्रैंड विटारा, सफारी, एक्सयूवी700, फॉर्च्यूनर या अन्य कार) या एमपीवी (ट्राइबर, अर्टिगा, एक्सएल6, कैरेंस, इनोवा क्रिस्टा, इनोवा हाइक्रॉस या अन्य कार) में कैसी कार की जरूरत है.
सही डील ढूंढना जरूरी
अपनी मनपसंद कार चुन लेने के बाद, कई डीलरशिप पर जाएं जहां यह उपलब्ध है. आपने जिस कंपनी का जो मॉडल चुना है, उस कंपनी की तीन-चार डीलरशिप पर जाएं, जिससे आपको सबसे अच्छा सौदा मिल सके. हर डीलरशिप कुछ अतिरिक्त पेशकश करेगी. विक्रेता से बेहतर ऑफर और अतिरिक्त छूट मांगने में कोई बुराई नहीं है. कार की ऑन रोड कीमत (ओटीआर) चेक करें. इसमें कार की कीमत, रजिस्ट्रेशन लागत, रोड टैक्स, बीमा, फास्टैग और अन्य शुल्क शामिल हैं.
कार की बुकिंग
अगला कदम कार (New Car) बुक करना है. अब बहुत सावधान रहें. डीलरशिप ने आपको कार के साथ मुफ्त में जो भी देने का वादा किया है, उसका जिक्र बुकिंग रसीद पर करवा लें. यह बहुत महत्वपूर्ण है. यदि बुकिंग रसीद पर कॉमप्लीमेंट्री प्रॉडक्ट्स का जिक्र नहीं किया गया है, तो डीलरशिप डिलीवरी के समय उन्हें आपकी कार में लगाने से मना कर सकती है.
एक और बात. बुकिंग कैंसल अमाउंट की जानकारी ले लें. इसका जिक्र बुकिंग रसीद पर किया जाता है. यदि आप बुकिंग कैंसल करने का फैसला लेते हैं, तो आपको पता होना चाहिए कि डीलरशिप कितना पैसा वापस करेगी.
कार की खरीदारी करना
जब आपकी कार डीलरशिप पर पहुंचे, तो पूरी तरह से प्री-डिलीवरी इंस्पेक्शन (पीडीआई) करें. याद रखें कि कार अभी तक आपके नाम पर रजिस्टर नहीं है. यह आपके लिए यह पता लगाने का भी मौका है कि क्या आपकी कार में कोई खराबी या क्षति तो नहीं है. क्योंकि एक बार कार का पंजीकरण आपके नाम पर हो गया तो, उसके बाद कुछ भी नहीं किया जा सकता है.
पीडीआई स्टेज में, आपके पास वाहन (New Car) को रीजेक्ट करने और अपनी बुकिंग कैंसल करने का भी अधिकार है. डीलरशिप आपको रिफंड देने के लिए बाध्य है. यदि आप बीमा पॉलिसी से संतुष्ट नहीं हैं, तो आप हमेशा पॉलिसी प्रदाता को इसे बदलने का अनुरोध कर सकते हैं. आप स्वतंत्र रूप से भी बीमा करवा सकते हैं.
डिलीवरी का दिन होता है अहम
खरीदार के लिए डिलीवरी का दिन काफी अहम होता है. यह एक समय लेने वाली प्रक्रिया है और डीलरशिप पर भीड़ के आधार पर आपके उस खास दिन में डिलीवरी लेने में तीन घंटे भी लग सकते हैं.
कुछ राज्यों में, अस्थायी नंबर के साथ गाड़ी चलाना अवैध माना जाता है. स्थानीय कानूनों की जांच जरूर करें. सुनिश्चित करें कि डीलर आपको सभी भुगतान रसीदें और अन्य दस्तावेज मूल रूप में दे.
इसके अलावा, जांच लें कि डिलीवरी के समय कार में निर्माता द्वारा दी गई टूल किट के साथ-साथ अनिवार्य स्पेयर व्हील भी है या नहीं. हालांकि, यदि आपका वाहन रन-फ्लैट टायरों पर चल रहा है, तो निर्माता अतिरिक्त टायर प्रदान नहीं कर सकता है या सिर्फ स्पेस-सेवर व्हील की पेशकश कर सकता है. यह भी जरूर चेक करें कि जिन चीजों को मुफ्त में दिए जाने का वादा किया गया था वह कार में लगाई गई हैं या नहीं. ऐसा हो सकता है कि कुछ चीजें आसानी से उपलब्ध न हों. उन सभी सामानों के लिए जो आपको नहीं मिले हैं, एक लिखित नोट लें.