खरीफ सीजन (Kharif season) की मुख्य फसल धान है. धान की खेती (Paddy Farming) देश में बड़े स्तर पर की जाती है. जिससे किसानों को तगड़ा मुनाफा भी होता है. यदि किसान धान की बेहतर पैदावार चाहते हैं तो इसके लिए एक ख़ास किस्म उगा सकते हैं. कृषि वैज्ञानिकों (Agricultural Scientists) ने धान इस ख़ास किस्म सीआर धान 807 (CR Dhan 807) का विकास किया है.
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किसानों को मिलेगा तगड़ा मुनाफा
कृषि वैज्ञानिकों ने धान की जिस नई किस्म (CR Dhan 807) को विकसित किया है वह सूखा सहनशील और हर्बिसाइड है. धान की यह फसल खरीफ सीजन (Kharif season) में किसानों को तगड़ा मुनाफा दे सकती है. धान की इस नई फसल का विकास आईसीएआर-राष्ट्रीय धान अनुसंधान संस्थान, कटक, ओडिशा में किया है.
इस खास किस्म में सीधे बीज बोया जा सकता है. इन बीजों को तमिलनाडु, गुजरात, झारखंड, ओडिशा, आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़ में लगाया जाता है.
कैसी होती है धान की ये ख़ास फसल
धान की इस खास किस्म का प्रकार अर्ध-बौना होता है. जिसमें पौधा सीधे बढ़ता है. जिसके कारण बारिश में भी इसको नुकसान नहीं होता. इसलिए ये पौधा गिरता नहीं है. इसकी बालियां 23.2 सेमी लंबी होती है. छिलका हटाने, कुटाई और चावल निकालने के बाद बहुत ही अच्छी किस्म प्राप्त होती है. इनके चावल के दाने पतले और भूसी रहित होते हैं.
बीमारियों से भी सुरक्षा
धान की इस ख़ास किस्म पर धान की अन्य फसलों को लगने वाली बीमारियों का डर नहीं रहता. यह फसल भूरा दाग, झोंका, आवरण सड़न जैसी मुख्य बीमारियों की प्रतिरोधी है. आईआर64, ललाट, अभिषेक, एनडीआर97 जैसी धान की पुरानी फसलों की अपेक्षा यह सिंचित परिस्थितियों के लिए भी बेहतर है.
धान की इस ख़ास फसल की विशेषता
- धान की CR Dhan 807 किस्म देश की पहली गैर-जीएमओ हर्बिसाइड सहनशील किस्म है. यह गैर बासमती चावल है.
- इस फसल के उत्पादन से लागत कम आती है. इसके साथ ही इसका असर ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन पर भी कम पड़ता है.
- यह फसल सूखा सहनशील होती है. इस फसल को पकने में लगभग 110-115 दिनों का समय लग सकता है.
- अभी यह फसल झारखंड, ओडिशा, आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़, गुजरात और तमिलनाडु के लिए अधिकृत है.