द भारत:- बिहार में बीजेपी के साथ गठबंधन तोड़ जनता दल यूनाइटेड ने राष्ट्रीय जनता दल का दामन थाम लिया है. अब सबकी निगाहें गठबंधन में सीटों के बंटवारे पर है जिसमें 79 विधायकों के साथ राजद सबसे बड़ी पार्टी है. अंग्रेज़ी अख़बार हिंदुस्तान टाइम्स में ख़बर है कि राजद को मंत्री पद के बंटवारे में बड़ी जगह मिल सकती है.
अख़बार लिखता है कि इस बार राजद नीतीश कुमार के साथ मोलभाव करने में ज़्यादा सतर्क है और इस पूरे प्रकरण में जिस तरह नीतीश कुमार को राजद के नज़दीक लाया गया इसमें पार्टी नेता तेजस्वी यादव के परिपक्वता भी दिखती है.
243 विधानसभा सीटों वाली बिहार विधानसभा में महागठबंधन में शामिल राजद के पास 79, जदयू के पास 45, कांग्रेस के पास 19 और लेफ़्ट के तीन दलों के पास 16 सीटे हैं.
महागठबंधन की सबसे बड़ी पार्टी होने और नीतीश कुमार को संभवतः सीएम पद देने पर राजद भी बड़ी मांग कर सकती है.अख़बार ने एक वरिष्ठ राजद नेता के हवाले से लिखा है, ”राजद को कैबिनेट में बड़ी जगह मिलनी ही है लेकिन, वो प्रमुख मंत्रालयों के लिए दावा करेगी जैसे वित्त और गृह मंत्रालय. नीतीश कुमार ने गृह मंत्रालय हमेशा अपने पास रखा है और स्पीकर का पद राजद को मिला है. जदयू-बीजेपी के साथ भी यही स्थिति रही है.”
दोनों पार्टियों के नेताओं का भी कहना कि सीटों के अनुपात के अनुसार मंत्रालय के बंटवारे के 2015 के फॉर्मूले को ही अपनाया जाएगा. कांग्रेस, सीपीआई, सीपीआई (एम), सीपीआई (एमएल) और हम को भी इसी के अनुसार सीटें मिलेंगी.
एक अन्य राजद नेता ने कहा, ”नीतीश कुमार जानते हैं कि राजद को क्या मिलना चाहिए. गठबंधन के दूसरे सहयोगियों को भी साथ लिया जाएगा. बिहार में जो हुआ है उसकी गूंज पूरे देश में होगी और इसके लिए नीतीश कुमार के अनुभव और परिपक्वता की ज़रूरत होगी.”
एक वरिष्ठ जदयू नेता ने कहा कि नीतीश कुमार बड़ा गठबंधन और उनकी कैबीनेट में हिस्सेदारी चाहेंगे क्योंकि उन्हें डर है कि मुखर राजद कुछ समय बाद उनके लिए फिर मुश्किल खड़ी कर सकती है. गठबंधन में ज़्यादा दल होने से नीतीश को भी थोड़ा खुला हाथ मिल जाएगा.
जदयू नेता ने कहा, ”नीतीश कुमार से लंबे समय तक दूसरे नंबर पर रहने की उम्मीद करना मुश्किल है. लेकिन, राजद से इस बार 2015 जैसी उम्मीद नहीं की जा सकती.”
राजद ने इस बार अपने कार्ड बहुत संभलकर खेले हैं और नीतीश कुमार के पहल करने का इंतज़ार किया है. राजद की बदली सोच इसी से दिखती है कि नीतीश कुमार इस्तीफ़ा देने के तुरंत बाद पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के घर गए.
वरिष्ठ राजद नेता कहते हैं कि तेजस्वी यादव अगले साल मुख्यमंत्री बन सकते हैं और नीतीश कुमार 2024 के लोकसभा चुनाव में राष्ट्रीय राजनीति में जा सकते हैं.