द भारत: Bihar Cast Census: जातीय गणना पर आज पटना हाईकोर्ट से फैसला आ सकता है. चीफ जस्टिस के. विनोद चंद्रन की बेंच में 3 से 7 जुलाई तक लगातार सुनवाई हुई. कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था. संभावना है कि बुधवार को चीफ जस्टिस की बेंच जातीय गणना पर फैसला सुना सकती है. इस गणना में 500 करोड़ से ज्यादा खर्च हो चुका है. इसका 80% काम पूरा हो चुका है.
ये भी पढ़े: caste census: जाति आधारित गणना का दूसरा फेज : इन 17 सवालों के देने होंगे जवाब
पांच दिनों की हुई सुनवाई के दौरान तीन दिनों तक याचिकाकर्ता और दो दिन बिहार सरकार की ओर से एडवोकेट जनरल पी के शाही ने दलील रखी. अब लोगों की नजर पटना हाई कोर्ट के फैसले पर टिकी है.
बता दें कि बिहार सरकार अपने खर्च से जातीय गणना करवा रही थी. दो चरणों में होने वाली जातीय गणना का पहला चरण पूरा हो गया है, लेकिन दूसरा चरण शुरू होते ही हाई कोर्ट ने अंतरिम रोक लगा दी थी.
Bihar Cast Census: एक नजर में जातीय गणना
27 फरवरी 2020: जाति आधारित गणना कराने का प्रस्ताव बिहार विधानसभा से पास हुआ.
अगस्त 2021: सीएम नीतीश कुमार ने तत्कालीन नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव से मुलाकात की, जातीय गणना पर सहमति बनी.
23 अगस्त 2021: सीएम और तेजस्वी के नेतृत्व सभी पार्टियों के नेता PM से मुलाकात की और जाति आधारित जनगणना कराने की मांग की.
1 जून 2022: जाति आधारित गणना के मुद्दे पर बिहार में सर्वदलीय बैठक हुई, सभी पार्टियों की सहमति बनी.
2 जून 2022: कैबिनेट से जातीय गणना से संबंधित प्रस्ताव पारित किया गया.