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Sahara India Refund : सहारा में पैसे जमा करने वाले निवेशक ध्यान दें! आपके लिए आई ये गुड न्यूज

सहारा ग्रुप में यदि आपका पैसा जमा है और आप उसे निकालने (Sahara India Refund) का प्रयास कर रहे हैं, तो आपके लिए एक गुड न्यूज है. केंद्र सरकार ने सहारा ग्रुप सहकारी समितियों के छोटे जमाकर्ताओं के लिए वापस की जाने वाली राशि की सीमा 10,000 रुपये से बढ़ाकर 50,000 रुपये की है. इसकी जानकारी सहकारिता मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी की ओर से दी गई है.

सहारा ग्रुप में जमा पैसों में से कितना मिलेगा वापस?

सरकार ने अब तक सीआरसीएस (सहकारी समितियों के केंद्रीय पंजीयक)-सहारा रिफंड पोर्टल के माध्यम से सहारा समूह की सहकारी समितियों के 4.29 लाख से अधिक जमाकर्ताओं को 370 करोड़ रुपये जारी किए हैं. अधिकारी ने कहा कि रिफंड राशि की सीमा 50,000 रुपये तक बढ़ने से अगले 10 दिन में लगभग 1,000 करोड़ रुपये का भुगतान किया जाएगा. पिछले हफ्ते छोटे जमाकर्ताओं के लिए ‘रिफंड’ राशि की सीमा 10,000 रुपये से बढ़ाकर 50,000 रुपये कर दी गई थी. सरकार ‘रिफंड’ जारी करने से पहले जमाकर्ताओं के दावों की सावधानीपूर्वक जांच कर रही है.


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सीआरसीएस-सहारा रिफंड पोर्टल क्या है?

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद सहारा ग्रुप की चार बहु-राज्य सहकारी समितियों के वास्तविक जमाकर्ताओं की वैध जमा राशि की वापसी के दावे प्रस्तुत करने के लिए सीआरसीएस-सहारा रिफंड पोर्टल 18 जुलाई, 2023 को पेश किया गया था. ये सहमारी समितियां हैं- सहारा क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसायटी लि., लखनऊ, सहारायन यूनिवर्सल मल्टीपर्पज सोसायटी लि., भोपाल, हमारा इंडिया क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसायटी लि., कोलकाता और स्टार्स मल्टीपर्पज कोऑपरेटिव सोसायटी लिमिटेड, हैदराबाद.

शीर्ष कोर्ट के 29 मार्च, 2023 के आदेश के तहत 19 मई, 2023 को सेबी-सहारा रिफंड खाते (Sahara India Refund) से 5,000 करोड़ रुपये की राशि केंद्रीय सहकारी समितियों के पंजीयक (सीआरसीएस) को अंतरित कर दी गई थी. न्यायाधीश न्यायमूर्ति आर सुभाष रेड्डी डिजिटल तरीके से पैसे के वितरण मामले की देख-रेख कर रहे हैं. (इनपुट पीटीआई)

अपने पैसे का रिफंड के लिए वेबसाइट पर आवेदन करें?

सहारा इंडिया के जो निवेशक है उनके लिए भारत सरकार ने सहारा रिफंड पोर्टल नाम से एक पोर्टल यानी वेबसाइट बनवाया हैं. जिसके माध्यम से निवेशकों को पूरी जानकारी मिलेगी कि कैसे आवेदन करने हैं. और पूरी प्रक्रिया कैसे आगे बढ़ेगी. दरअसल सहारा इंडिया के खिलाफ के लाखों निवेशकों ने केंद्र सरकार सहित अन्य स्तर पर मैच्योरिटी पूरी होने के बावजूद पैसा न मिलने की शिकायतें लगातार आ रही थीं.

निवेशकों की तरफ से आंदोलन औऱ धरना प्रदर्शन आदि भी खूब किए गए. उच्च स्तर पर फैसला लेने के बाद निवेशकों का पैसा वापस कराने का निर्णय और एक ऑनलाइन प्लेटफार्म तैयार करने की बात कही गई. जिसके बाद अब सहकारिता विभाग के स्तर पर एक वेबसाईट सहारा रिफंड पोर्टल के नाम से बनवाया गया है जिसे अमित शाह ने शुरू कर दिया हैं.

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