मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बुधवार को मुख्यमंत्री सचिवालय स्थित ‘संवाद’ में पंचायती राज व्यवस्था के तहत ग्राम पंचायत के मुखिया जी (Mukhiya ji), पंचायत समिति एवं जिला परिषद् के प्रतिनिधियों के शिष्टमंडल के साथ बैठक की. बैठक को संबोधित करते हुये मुख्यमंत्री ने कहा कि बहुत खुशी की बात है कि पंचायती राज व्यवस्था के तहत ग्राम पंचायत, पंचायत समिति एवं जिला परिषद् के प्रतिनिधियों के शिष्टमंडल के साथ बैठक आयोजित की गयी है.
मुख्य सचिव एवं विभागीय पदाधिकारियों के द्वारा आपकी मांगों से हमें अवगत कराया गया है. आपकी अधिकतर मांगों के संबंध में पंचायती राज विभाग नियमानुसार कारवाई कर रहा है, उनमें से जो आपकी महत्वपूर्ण मांग है, उनके संबंध में मैं निम्न घोषणा करता हूँ.
सीएम ने घोषणा करते हुवे कहा-
- ग्राम पंचायतों के मुखिया (Mukhiya ji) को मनरेगा योजना में अब तक 5 लाख रूपये तक की योजनाओं की प्रशासनिक स्वीकृति की शक्ति प्राप्त है. इस सीमा को बढ़ाकर 10 लाख रूपये तक करने का आदेश दिया जा रहा है.
- पंचायती राज संस्थाओं के सभी स्तर के प्रतिनिधियों में मुखिया (Mukhiya ji) , उप मुखिया, पंच, सरपंच, उप सरपंच, पंचायत सचिव, वर्ड सदस्य के मासिक भत्ता को डेढ़ गुणा बढ़ाने का आदेश दिया जा रहा है.
- हमने यह लक्ष्य रखा है कि राज्य के सभी ग्राम पंचायतों में इस वर्ष होनेवाले चुनाव से पूर्व पंचायत सरकार भवन बनकर तैयार हो जाये. इसके लिए राज्य सरकार के द्वारा शेष बचे 1069 नये पंचायत सरकार भवनों की भी स्वीकृति दे दी गयी है.
- वही सुरक्षा के दृष्टिकोण से पंचायत प्रतिनिधियों (Mukhiya ji) के शस्त्र अनुज्ञप्ति (लाइसेंस) के आवेदन को जिला पदाधिकारी निर्धारित समय सीमा के अंदर नियमानुसार निष्पादित करने की कार्रवाई करेंगे.
- पंचायत प्रतिनिधियों को पहले केवल आकस्मिक मृत्यु होने पर ही 5 लाख रूपये का अनुग्रह अनुदान की राशि दी जाती थी, अब पंचायत प्रतिनिधियों के अपने कार्य काल में सामान्य मृत्यु होने पर भी 5 लाख रुपये का अनुग्रह अनुदान देने का आदेश दिया, जा रहा है. साथ ही,, यदि पंचायत प्रतिनिधि, बीमारी से ग्रसित होते हैं तो उन्हें भी मुख्यमंत्री चिकित्सा सहायता कोष से स्वास्थ्य सुविधाएँ उपलब्ध कराने का आदेश दिया जा रहा है.
- त्रिस्तरीय पंचायती राज संस्थाओं द्वारा उन्हें प्राप्त 15वें वित्त आयोग एवं राज्य वित्त आयोग की राशि का उपयोग में तेजी लाने के लिये 15 लाख रूपये तक की योजनाओं का कार्यान्वयन विभागीय तौर पर किया जा सकेगा.
मुखिया को अधिकार
मुखिया को 10 लाख रुपये तक की मनरेगा योजनाओं की स्वीकृति का अधिकार देने, पंचायती राज संस्थाओं के तहत काम करने वाले राज्य भर के जिला परिषद (जेडपी) अध्यक्ष, जेडपी उपाध्यक्ष, पंचायत प्रमुख, सरपंच और पंचायत सदस्यों और वार्ड सदस्यों के भत्ते बढ़ाने का निर्णय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में यहां हुई बैठक में लिया गया.
सरकार के निर्णय के अनुसार, जिला परिषद अध्यक्ष का मासिक भत्ता 20,000 रुपये से बढ़ाकर 30,000 रुपये कर दिया गया है, जबकि जिला परिषद उपाध्यक्ष का मासिक भत्ता 10,000 रुपये से बढ़ाकर 20,000 रुपये और मुखिया का मासिक भत्ता 5,000 रुपये से बढ़ाकर 7,500 रुपये कर दिया गया है.
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सीएम की बैठक में फैसला
पंचायती राज विभाग के सचिव मनोज कुमार ने बताया कि मुख्यमंत्री द्वारा आज पंचायती राज विभाग से संबंधित की गई अन्य महत्वपूर्ण घोषणाओं में पंचायत प्रतिनिधि की कार्यकाल के दौरान सामान्य स्थितियों में मृत्यु पर भी पांच लाख रुपये का अनुदान दिये जाने की घोषणा शामिल है. अभी तक केवल दुर्घटना में मौत पर ही परिजनों को अनुदान दिये जाने की व्यवस्था थी. उन्होंने बताया कि साथ ही, यदि पंचायत प्रतिनिधि किसी बड़ी बीमारी से ग्रसित होते हैं तो उन्हें मुख्यमंत्री चिकित्सा सहायता कोष से स्वास्थ्य सुविधाएं/उपचार उपलब्ध कराया जाएगा.