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Ola Electric: प्राइवेट लिमिटेड से पब्लिक लिमिटेड बनी Ola Electric कंपनी, जानिए क्या थी वजह?

ओला इलेक्ट्रिक (Ola Electric) ने अपने आईपीओ की तैयारी में एक जरूरी कदम उठाया है. आईपीओ लाने से पहले इस कंपनी ने खुद को प्राइवेट लिमिटेड से बदलकर पब्लिक कंपनी बना दिया है, यानी अब यह सार्व जनिक कंपनी हो चुकी है. अब कंपनी का नाम ओला इलेक्ट्रिक मोबिलिटी प्राइवेट लिमिटेड से बदलकर ओला इलेक्ट्रिक मोबिलिटी लिमिटेड कर दिया गया है.

ओला इलेक्ट्रिक (Ola Electric) ने अपनी शुरुआती इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग यानी (आईपीओ ) को मार्केट में लाने से पहले यह जरूरी कदम उठाया है. इसमे कंपनी कीकॉरपोरेट रिस्ट्रक्चरिंग भी शामिल है. आपको बताते चलें कि स्टॉक एक्स चेंज में लिस्ट होने के लिए किसी भी इच्छुक कंपनी को को खुद को प्राइवेट लिमिटेड कंपनी से बदलकर सार्व जनिक कंपनी करना होता है. स्टॉक एक्स चेंज में शामिल होने के लिए यह एक बहुत ही आवश्यक प्रक्रिया है.

सार्वजनिक कंपनी के रूप में ट्रांसफॉर्म होने के बाद 17 नवंबर को कॉर्पोरेट मामले के मंत्रा लय द्वारा प्रमाण पत्र जारी किया गया. इस प्रमाण पत्र में कहा गया है कि मैं प्रमाणित करता हूं कि ओला इलेक्ट्रिक मोबिलिटी प्राइवेट लिमिटेड को कंपनी अधिनियम 1956 के तहत 3 फरवरी 2017 को मान्यता दी गई थी. अब कंपनी अधिनियम, 2013 की धारा 18 के तहत सार्वजनिक कंपनी में रूपांतरण के लिए दी गई सूचा पर और एसआरएन AA6069193 दिनांक 10/11/2023 के तहत आरओसी बैंगलोर द्वारा लिखित रूप में केंद्र सरकार के तहत उक्त कंपनी का नाम आज बदलकर ओला इलेक्ट्रिक मोबिलिटी लिमिटेड कर दिया गया है.

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कुछ दिन पहले आई एक रिपोर्ट में कहा गया था कि ओला इलेक्ट्रिक इस महीने के अंत तक अपने 70 रोड़ डालर तक के आईपीओ के लिए रेगुलेटरी दस्तावेज जमा करने का विचार बना रही है.

एक्सपर्ट्स की मानें तो

आईपीओ से ओला इलेक्ट्रिक को काफी फायदा मिल सकता है. एक्सपर्ट्स की मानें तो आईपीओ लाने से कंपनी अपनी विस्तार योजनाओं में तेजी ला सकती है. इससे कंपनी को टेक्नोलॉजी में निवेश करने में भी मदद मिलेगा. साथ ही साथ आईपीओ लाने के बाद ओला को कॉम्पिटेटिव इलेक्ट्रिक मोबिलिटी सेक्टर में अपनी स्थिति को मजबूत करने के लिए आवश्यक पूंजी इकट्ठा करने की भी उम्मीद है.

सॉफ्टबैंक समर्थित ओला इलेक्ट्रिक भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) की लीडिंग निरमाता है और इसकी बाजार में लगभग 35 प्रतिशत की हिस्सेदारी है.

इस कंपनी ने हाल ही में अपने इक्विटी और डेट राउंड के तहत लगभग 3,200 करोड़ रुपये की फंडिंग हासिल की है. यह फंडिंग टेमासेक के नेतृत्व वाले प्रमुख निवेशकों और भारतीय स्टेट बैंक से प्रोजेक्ट डेट के तहत प्राप्त की गई थी.

उम्मीद है कि जुटाई गई

सूत्रों के अनुसार, फंडिंग राउंड, जिसमें इक्विटी भी शामिल है, ने बेंगलुरु स्थित फर्म की कीम को 5.5 बिलियन डॉलर तक बढ़ा दिया है, इसके पिछली कीमत 5 बिलियन डॉलर से अधिक है. उम्मीद है कि जुटाई गई धनराशि से एक अंतरिम कार्यक्रम तैयार होगा और आईपीओ का रास्ता भी साफ होगा. इसकी भारत में सबसे बड़े ऑटोमोटिव आईपीओ में से एक होने की उम्मीद है.

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक जुटाई गई धनराशि का उपयोग ओला के इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) व्यवसाय का विस्तार करने और कृष्णागिरी (तमिलनाडु) में भारत की पहली लिथियम-आयन (ली-आयन) बैटरी मैन्युफैक्चरिंग फैसिलिटी स्थापित करने के लिए किया जाएगा.

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