पाटलिपुत्र सीट पर सबसे बड़ी दावेदारी महागठबंधन में Lalu Yadav की बेटी मीसा भारती की है. वे दो बार यहां से बीजेपी के रामकृपाल यादव से चुनाव हार चुकी हैं. दो बार लालू प्रसाद ने उन्हें राज्य सभा भी भेजा. इस सीट पर आरजेडी के दानापुर विधायक रीतलाल यादव और मनेर से आरजेडी विधायक भाई वीरेन्द्र की भी दावेदारी रही. माले की दावेदारी भी इस पर रही.
इस सब के बीच दानापुर विधायक रीत लाल यादव ने कहा है कि पाटलिपुत्र की सीट भाई-बहन के बीच फंसी हुई है. बहन चाह रही है कि भाई फैसला ले और भाई चाह रहा है बहन फैसला ले. बहन का फैसला मेरा फैसला होगा, इसके बाद तीसरा कोई इसमे नहीं होगा.
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हर कोई प्रयास करता है आगे बढ़ने का
रीतलाल ने आगे कहा कि भाई सांसद बने या बहन बने कोई अंतर नहीं है. हर कोई प्रयास करता है आगे बढ़ने का. उन्होंने कहा कि जो भी बीजेपी का सांसद पहले से है उसको हमलोग हराएंगे.
पहले क्या बयान दिया था
रीतलाल यादव का यह बयान लालू परिवार या मीसा भारती पर दबाव डालने वाला है. इससे पहले के बयान में रीत लाल यादव ने लालू प्रसाद से मुलाकात के बाद कहा था कि लालू प्रसाद (Lalu Yadav) चाहते हैं कि मैं पाटलिपुत्र से जीतूं. अब रीतलाल यादव का बयान थोड़ा बदला हुआ है. अब वे पाटलिपुत्र सीट को भाई और बहन के बीच फंसी हुई बता रहे हैं. मीसा भारती को वे बहन कह रहे हैं.
रीतलाल यादव के बयान से साफ है कि वे चुनाव लड़ना चाहते हैं और यह भी चाहते हैं कि इसका फैसला मीसा भारती ही करे. अगर रीत लाल यादव चुनाव नहीं लड़ना चाहते तो साफ-साफ कह सकते थे कि वे पाटलिपुत्र से लोकसभा का चुनाव नहीं लडे़ंगे, मीसा भारती के लिए वे त्याग कर रहे हैं. लेकिन ऐसा उन्होंने नहीं कहा है.