द भारत:- इस बार देश में पिछली बार से अच्छी बारिश होने की उम्मीद है. भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने इस बार जून से सितंबर तक देश में 103% बारिश की उम्मीद जताई है. विभाग ने महीनेभर पहले देश में 99% बारिश का अनुमान लगाया था.
जून में पंजाब में भी मानसून सीजन के दौरान सामान्य से अधिक बारिश होने का अनुमान है. अधिकतम तापमान सामान्य और सामान्य से कम रहने की उम्मीद है. जून से सितंबर तक राज्य में औसत बारिश 467mm होती है. अगर पिछले साल की बात करें तो यहां 436 mm बारिश रिकॉर्ड की गई थी.
मानसून के दौरान देश में सामान्य दीर्घावधि औसत बारिश 87 सेमी होती है. दीर्घावधि औसत के 96 से 104% बारिश को सामान्य माना जाता है. IMD के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने कहा कि ला-नीना परिस्थितियां ने पूरे मानसून के दौरान बनी रहने की उम्मीद है, इसलिए बारिश में इजाफे का अनुमान है.
क्या है ला- नीना ला-नीना का अर्थ प्रशांत महासागर की समुद्री सतह के तापमान में समय-समय पर होने वाले बदलावों से है. इसका दुनियाभर में मौसम पर प्रभाव पड़ता है. अल नीनो की वजह से तापमान गर्म होता है और ला नीना के कारण ठंडा.
इस बार मानसून तीन दिन पहले केरल पहुंचा है अगर पंजाब की बात करें तो यहां लू का सामना नहीं करना पड़ेगा. यहां मानसून 30 जून से पहले दस्तक दे सकता है.
2019 से लगातार हो रही है अच्छी बारिश जून में हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, उत्तरी राजस्थान, महाराष्ट्र, पूर्वी मध्य प्रदेश, पश्चिमी गुजरात, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और आंतरिक कर्नाटक में सामान्य से ज्यादा बारिश की संभावना है. पंजाब में इस बार मार्च से लेकर 22 मई तक लगातार मौसम शुष्क रहा है, लेकिन 23 मई से लेकर 31 मई के बीच तीन दिन 15 फीसदी बारिश होगी.
पिछले साल के मुकाबले इस बार मई रहा काफी गर्म: मई में औसत पूरे महीने का पारा अमृतसर, लुधियाना और पटियाला का जारी किया गया है. आईएमडी के अनुसार तीनों जिलों में इस बार पूरे महीने का पारा पिछले साल के मुकाबले काफी ज्यादा अधिक रिकॉर्ड हुआ है. अमृतसर में 2013 के बाद 40 डिग्री पारा रिकॉर्ड हुआ है.
दिल्ली में तेज हवाओं से टूटे पेड़ दिल्ली में मानसून के पहले महीने यानी जून में भी सामान्य बारिश होगी. आमतौर पर जून में 165 मिमी बारिश होती है. जून के लिए सामान्य बारिश की रेंज 92 से 108 फीसदी है. दिल्ली में सोमवार को तेज हवाओं के साथ भारी बारिश हुई, जिसके चलते कई पेड़ टूट गए और बिजली गुल हो गई.
दो दिन में बंगाल के हिमालयी हिस्से तक पहुंचेगा मानसून: इस बार मानसून तीन दिन पहले केरल पहुंचा है. अगले दो दिन में इसके कर्नाटक, तमिलनाडु, गोवा, पूर्वोत्तर, सिक्किम और हिमालयी पश्चिम बंगाल तक पहुंचने की संभावना है.