द भारत:- पटना. तारेगना स्टेशन पर शनिवार को जो कुछ हुआ वो अचानक नहीं हुआ था. स्टेशन पर तोड़फोड़, आगजनी और बड़े स्तर पर उपद्रव करने के लिए पूरी प्लानिंग तैयार की गई थी. उपद्रवियों के प्लान में पटना से रांची जाने वाली 12365 अप जनशताब्दी एक्सप्रेस थी. शनिवार सुबह स्टेशन पर रुकते ही कोचों में तोड़फोड़ और फिर उसमें आग लगाने का प्लान सेट हुआ था.
इसकी पुष्टि तारेगना स्टेशन पर पोस्टेड सब इंस्पेक्टर मो. केएम खान ने भी की है. सब कुछ एक दिन पहले प्लान किया गया था, लेकिन पूर्व मध्य रेलवे ने ट्रेन को ही कैंसिल कर दिया. जिस कारण अपने इस प्लान में उपद्रवी सफल नहीं हो पाए और जनशताब्दी एक्सप्रेस तोड़फोड़ और जलने से बच गई.
शुक्रवार शाम हुई थी मीटिंग: मसौढ़ी में भी गांधी मैदान है. सूत्र बताते हैं कि शुक्रवार शाम केंद्र सरकार की योजना अग्निपथ के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन की प्लानिंग करने के लिए काफी संख्या में इलाके के युवाओं की भीड़ जुटी थी. काफी देर तक उन लोगों ने वहां आपस में मीटिंग की. तारेगना स्टेशन पर कब और कैसे धावा बोलना है? कहां तोड़फोड़ करनी है? क्या-क्या जलाना है? यह सब कुछ पहले से सेट था. यही कारण है कि सुबह साढ़े 8 के करीब जब युवाओं की भीड़ तारेगना स्टेशन पर पहुंची तो सबसे पहले पूछताछ काउंटर को चुना.
इसके अंदर में स्टेशन पर लगे CCTV कैमरा से मॉनिटरिंग करने के लिए 3 बड़े LCD स्क्रीन लगे थे. सर्वर भी इसी रूम के अंदर था. तोड़फोड़ करने के साथ ही यहां आग लगा दी गई. इसके बगल में स्टेशन मैनेजर का ऑफिस था. वहां भी तोड़फोड़ और आगजनी की गई. चंद कदम की दूरी पर डिप्टी स्टेशन सुपरिटेंडेंट का ऑफिस और पैनल रूम था. यहां भी तोड़फोड़ की गई. जिस पैनल सिस्टम के जरिए ट्रेनों को चलाया जाता है, उस मशीन को बुरी तरह से तोड़ा गया और उसमें भी आग लगा दी गई.
जनरल टिकट और रिजर्वेशन काउंटर के बाहर और अंदर भी तोड़फोड़ की गई. यहां से करीब डेढ़ लाख रुपए भी लूट लिए गए. स्टेशन के अंदर और बाहर खड़ी कई गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया गया. स्टेशन पर गए मजिस्ट्रेट संजय कुमार की स्कूटी को भी उपद्रवियों ने आग के हवाले कर दिया. रेल पुलिस की जिप्सी को भी नहीं छोड़ा. उसे भी जला दिया. कई बाइक को डाउन लाइन पर ले गए और वहां रख कर उसमें आग लगा दिया. 8 साल से 12 साल के छोटे बच्चों को आगे रख उपद्रवियों ने तारेगना स्टेशन पर जमकर तांडव मचाया.
GRP की नई बिल्डिंग में पड़े थे हजारों पत्थर: उपद्रवियों ने रेल पुलिस पोस्ट के पुराने और नई बिल्डिंग को भी नहीं बख्शा. युवाओं की भीड़ ने जब धावा बोला तो उस वक्त पोस्ट प्रभारी राधेश्याम शर्मा समेत करीब 40 से 50 पुलिस कर्मी नई बिल्डिंग के अंदर थे. इनमें कई महिला सिपाही भी शामिल थीं. फ्रंट साइड तो स्टेशन की तरफ है, लेकिन पिछला हिस्सा रोड के साइड. एक सब इंस्पेक्टर के अनुसार भीड़ ने चारों तरफ से धावा बोला. रेलवे ट्रैक से पत्थर उठाकर खूब पत्थरबाजी की.
गेट बंद कर पुलिसकर्मियों ने बचाई जान: गेट पर दो-दो ताले लगा पुलिस वालों ने उस वक्त अपनी जान बचाई. पत्थरबाजी से बिल्डिंग के बाहरी दीवार का तो नक्शा ही बिगाड़ दिया गया. दीवार देख कर ऐसा लग रहा था कि जैसे उसके ऊपर गोलियों की बौछार की गई हो. ग्राउंड फ्लोर से लेकर फर्स्ट फ्लोर तक पत्थर बिखरे पड़े थे. हर एक खिड़की का ग्लास फोड़ दिया गया। बिखरे हुए पत्थर को देख कर उपद्रवियों ने किस तरह का तांडव मचाया, इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है.