द भारत: बांका में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक बार फिर से उपेंद्र कुशवाहा पर अपनी भड़ास निकाली. उन्होंने कहा कि वो बीजेपी के कहने पर इस तरह के बयान दे रहे हैं. उनके बयानों पर बात करने की जरूरत नहीं है. वो बार-बार ऐसे बयान दे रहे हैं मतलब उन्हें कोई और चला रहा है.
उन्होंने कहा कि हमने उस आदमी को कितना बढ़ाया है. एमएलए बनाया, हम लोगों ने अपनी तरफ से पार्टी का लीडर बनाया. फिर भाग गया. फिर एक बार आ गया, राज्यसभा सांसद भी बना दिया, फिर भाग गया. तीसरी बार आ गया. तीसरा बार आया तो बोला कि हर हाल में रहेंगे.
जब आए हमने सब कुछ दिया, फिर क्या हो गया: नीतीश कुमार ने कहा कि जब आए तो हमने सब दे दिया लेकिन, अब हमको आश्चर्य हो रहा है. कहा है कि हम बात करें कि हम बात करेंगे. वो बात ही नहीं कर रहा है और उसको इज्जत देते रहे. फिर क्या हो गया ?
अचानक यह सब 2 महीने के अंदर हुआ है. रोज बोलने का मतलब क्या है. इसके प्रचार का मतलब अब समझिए, इसका प्रचार कौन कर रहा है. हमारी पार्टी में कोई बोलेगा? उसका प्रचार नहीं होगा. आप जरूर समझे कि वह किसी और के लिए बोल रहा है. तो प्रचार हो रहा है.
उपेंद्र कुशवाहा को जो इच्छा है वह करें: नीतीश कुमार ने कहा कि उसको जो इच्छा है वह करें. हमने तीसरी बार उसको एक्सेप्ट किया है. जब मुख्यमंत्री से पूछा गया कि क्या यह भाजपा की तरफ से उपेंद्र कुशवाहा बोल रहे हैं तो उन्होंने बोला कि आप समझ लीजिए, प्रचार किया जा रहा है.
तो आप समझिए, जब किसी का प्रचार होता है तो आप समझ जाइये, कहां से प्रचार होता है? कौन मौका दे रहा है? हम लोगों के अध्यक्ष ने कह दिया है, हमने भी सबको कह दिया है कि किसी को कुछ बोलने की जरूरत नहीं है. जो भी बोले, जो इच्छा हो बोलते रहे, कोई मतलब नहीं है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि आप लोगों को मालूम है क्या स्थिति है? पार्टी के पिछली बार से भी ज्यादा सदस्यता अभियान में लोग शामिल हुए. पार्टी कमजोर नहीं हुआ. ऐसा कुछ नहीं जो लोग छोड़कर जा रहे है. इससे पार्टी को कुछ नहीं होने वाला है.
हमारी पार्टी को एक बार किसी ने नुकसान किया वह जिसके साथ हम 2017 में आए थे. 2019 में हम लोगों ने साथ में चुनाव लड़ा, हम लोगों ने कहा कि भाई, तीन- चार तो दीजिएगा ना मंत्रिमंडल में. लेकिन, वह एक ही दे रहे थे. तब हमने कहा कि नहीं लेंगे. उसके बाद जब विधानसभा का क्या हुआ। उसे कोई फर्क पड़ने वाला है. कोई आता है आए, कोई जाता है जाए.