बिहार (Bihar News) के रोहतास जिला के नोखा प्रखंड के जबरा गाँव में भ्रष्टाचार विरोधी युवा संघर्ष समिति के बैनर तले राशन, आवास, पीने का पानी जैसी मूल भूत समस्या का सामाधन न होने पर आक्रोशित ग्रामीणों ने जिले के तमाम वरीय के खिलाफ नाराजगी जाहिर की. वही प्रखंड विकास पदाधिकारी के खिलाफ जम कर नारेबाजी व पुतला दहन की.
बिहार में विधानसभा चुनाव होने है ऐसे में ये खबर (Bihar News) मिल रही हैं कि समस्या से जूझ रहे ग्रामीणों ने विधानसभा की वोट वहिस्कार की बात कह रहे हैं. कारण यह है कि यह गावँ भाजपा के पूर्व विधायक रामेश्वर चौरसिया का पैतृक गांव है और नोखा विधानसभा के पूर्व में विधेयक भी रह चुके हैं, फिर भी इस गावँ के दलितों के लिए कोई काम नही किया गया.
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लोग अपनी समस्या किससे कहे
जब ग्रामीण अपनी समस्या को किसी जन प्रतिनिधि से कहते है तो निरासा ही हाथ लगती हैं. और जब वरीय अधिकारियों के पास जाते हैं तो फटकार मिलती हैं. हर समय पैसे की मांग की जाती हैं. ये गरीबी अपनी रोजी रोटि की सोचे की इन भष्ट्र अधिकारियों को काम के एवज में पैसे देते चले. इस गांव के लोग नोखा के वर्तमान बीडीओ के दोगले रवये से इस प्रकार नाराज है कि वोट बहिस्कार की बात कह रहे हैं. गावँ में पानी की समस्या चरम शीमा पर है. नल जल योजन भी फेल है, लगभग 300 घर पर 1 नल है जिससे आधा गावँ पानी लेता है.
वहीं ग्रामीणों ने यह भी आरोप लगाया कि नोखा बीडीओ और मुखिया द्वारा राशन कार्ड और आवास बनाने के लिए हजारों रुपये घुस की मांग की जाती है. राशन व आवास के लिए बार बार आवेदन जमा कराया जाता है. पर अभी तक राशन कार्ड नहीं बना. ऊपर के अधिकारियों से भी बात की गई लेकिन कोई सुननेवाला नही हैं. यहाँ तक कि जिला लोक शिकायत के आदेश भी नही मानते है. ग्रामीणों का यह भी कहना था कि जन वितरण की दुकानादर रामदेव जिनका कार्ड है उनको भी राशन नही देता है और भगा देता है. बिडिओ से कहने पर कोई सुनवाई नही होती है.