द भारत: वैशाली में अटेंडर और ओटी असिस्टेंड को एक दूसरे से प्यार हो गया. 5 दिन बाद ही लड़के ने लड़की को प्रपोज कर दिया. वो भी उसे पसंद करने लगी थ. बात परिवार तक पहुंची. शादी के लिए वहां से भी रजामंदी मिल गई. 10 दिन बाद ही दोनों ने धूमधाम से शादी की. और बिना दहेज के दिल वाले अपनी दुल्हनियां ले गए.
प्यार का ये मामला हाजीपुर का सदर अस्पताल का है. लड़की की मां बिदुपुर निवासी मनिका देवी 15 दिन पहले घर में खाना बनाते वक्त झुलस गई थी. उनकी बेटी प्रीति सिंह उन्हें हाजीपुर सदर अस्पताल लेकर पहुंची. इलाज के लिए प्रीति सिंह की मां मनिका सिंह को बर्न वॉर्ड में भर्ती किया गया. लड़की के पिता नहीं थे. इसलिए प्रीति ही मां के साथ अस्पताल में रुकी.
लड़की की मां ने शादी के लिए दी रजामंदी: इसी बीच ओटी असिस्टेंट मनिंदर सिंह (30) और प्रीति सिंह (25) की एक-दूसरे से नजदीकियां बढ़ती चली गई. दोनों के बीच बातें होने लगी. फिर धीरे-धीरे ये रिश्ता प्यार में बदल गया. लड़के ने लड़की को अस्पताल में ही प्रपोज कर दिया. मनिंदर ने प्रीति के सामने शादी का प्रस्ताव रखा. उसने मां से बात करने को कहा। मनिंदर ने उसकी मां से बात की. और वो मान गई.
बिना दहेज के मंदिर में हुई शादी: लड़के ने अपने घर वालों से ही शादी को लेकर चर्चा की. वो भी मान गए. 10 दिन बाद हाजीपुर शहर के प्रसिद्ध बाबा पातालेश्वर नाथ मंदिर में धूमधाम से शादी हुई. मनिंदर कुमार राघोपुर वीरपुर गांव का रहने वाला है. वो पिछले 5 सालों से हाजीपुर सदर अस्पताल के नशा मुक्ति केंद्र में वार्ड सहायक के पद पर कार्यरत है. बारात में अस्पताल के डॉक्टर्स और कर्मचारी भी शामिल हुए. दूल्हा भी बारातियों के साथ नाचते हुए पहुंचा. शादी बिना दहेज के हुई.