क्या आपको पता है कि अगर आप बैलेंस ट्रांसफर का इस्तेमाल स्मार्ट तरीके से करें तो इससे आपका CIBIL SCORE काफी सुधर सकता है? हालांकि, इससे पहले ये जाने की वो स्मार्ट तरीके क्या है, आइये जान लेते हैं कि बैलेंस ट्रांसफर क्या होता है?
CIBIL SCORE में दरअसल यह एक खाते से दूसरे खाते में बैलेंस ट्रांसफर करना है, जिस पर आमतौर पर कम ब्याज दर लगती है. दूसरे शब्दों में कहें तो इसमें आपका रनिंग लोन एक खाते से दूसरे खाते में ट्रांसफर हो जाता है. लेकिन बैलेंस ट्रांसफर हो जाने के बाद नए क्रेडिट कार्ड पर लगातार पेमेंट करने की सलाह दी जाती है.
बैलेंस ट्रांसफर से सिबिल स्कोर बेहतर होता है?
अगर आपके पास कई क्रेडिट कार्ड या उच्च ब्याज दर वाले लोन हैं, आप बचे हुए राशि को उस क्रेडिट कार्ड में ट्रांसफर कर लें, जिसमें कम ब्याज दर लगता है. इससे आपका लोन मैनेजमेंट आसान हो जाता है. इससे मिस्ड पेमेंट को रोका जा सकता है और आपके द्वारा पेमेंट किए जाने वाले कुल ब्याज को कम किया जा सकता है. ये आपके क्रेडिट स्कोर को सकारात्मक तरीके से प्रभावित करता है.
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नए लोन से बचें
एक बार बैलेंस ट्रांसफर हो जाने के बाद, अपने पुराने क्रेडिट कार्ड पर फिर नया लोन न लें. बैलेंस ट्रांसफर के तुरंत बाद नए क्रेडिट खाते खोलना आपके क्रेडिट स्कोर पर नेगेटिव इफ़ेक्ट डाल सकता है. ऐसा इसलिए क्योंकि इससे आपके खातों की एवरेज एज कम हो जाती है और आपकी क्रेडिट रिपोर्ट पर हार्ड इंक्वायरी की संख्या बढ़ जाती है.
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क्रेडिट यूटिलाइजेशन रेशियो का आपके क्रेडिट स्कोर पर सीधा असर पड़ता है. आप जितना ज्यादा आप क्रेडिट कार्ड का यूज करेंगे, उतना ज्यादा आपका क्रेडिट यूटिलाइजेशन रेशियो होगा. अधिक क्रेडिट लिमिट वाले नए कार्ड में बैलेंस ट्रांसफर करने से आपका क्रेडिट यूज रेश्यो कम हो सकता है, जो आपके क्रेडिट स्कोर के लिए फायदेमंद है. अपने स्कोर पर सबसे अच्छा प्रभाव डालने के लिए अपने क्रेडिट यूज रेश्यो को 30 प्रतिशत से कम रखने की कोशिश करें.