त्रिविध पावनी बुद्ध पुर्णिमा (Buddha Purnima) की समस्त देशवासियों को हार्दिक बधाई. संसार के सौ महापुरूषों में प्रथम स्थान रखने वाले, महारारूणिक, महामानव, शाक्यमुनि तथागत गोतम बुद्ध का जन्म 563 ई.पू.के वैशाख मास की पुर्णिमा को हुआ था. हमारे देश का नाम भारत है यह भाववाचक संग्या है जो भारत के गुणों और विशेषताओं को प्रकट करता है.
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भारत “भा” और “रत” दो शब्दों से बना है “भा” का अर्थ है “प्रकाश” और “रत” का अर्थ है लगातार जारी रहना, अर्थात भारत उस भू-खण्ड का नाम है. जहां से लगातार ग्यान का प्रकाश निकलता है जिस प्रकाश से पुरा विश्व आलोकित होता है इसलिए इस देश को भारत कहा जाता है. वही डा.आर पी मौर्य बताते है कि वह ग्यान प्रकाश किसी और का नहीं तथागत भगवान बुद्ध का है इसलिए भारत को विश्वगुरू कहा जाता है.
यह अदभुत संयोग है कि इसी दिन 528ई.पू. वैशाख पुर्णिमा के दिन उरूवेला (वोधगया) में राजकुमार सिद्धार्थ संवोधि प्राप्त कर बुद्ध बने और इसी दिन 483 ई.पू.वैशाख पुर्णिमा के दिन भगवान गोतम बुद्ध (Buddha Purnima) महापरिनिवारण को प्राप्त हुए. आईए आज इस पावन पर्व के अवसर पर विश्वगुरू तथागत भगवान गोतम बुद्ध को हम सभी शत शत नमन करते हुए सर्वलोकमंगल की कामना करते है.
।।।भवतु सब्ब मंगलं।।।